Rajasthan Politics: गहलोत के 'निकम्मा' कमेंट पर बोले पायलट, नहीं करना चाहूंगा कोई टिप्पणी
राजस्थान कांग्रेस में चल रहा सियासी घमासान थम गया है। इस बीच अशोक गहलोत के निकम्मा कमेंट पर सचिन पायलट ने कहा कि मैं इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।
नई दिल्ली, एजेंसियां। राजस्थान कांग्रेस में चल रहा सियासी घमासान थम गया है। महीनेभर से बगावती तेवर अपनाए बैठे पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अब बगावत छोड़ कांग्रेस की राह चलने को तैयार हैं। इस बीच अशोक गहलोत 'निकम्मा' कमेंट पर उन्होंने कहा है कि मैंने अपने परिवार से कुछ संस्कार हासिल किए हैं। कितना भी मैं किसी का विरोध करुं किसी भी दल का नेता हो मेरा कट्टर दुश्मन भी हो। मैंने कभी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया। अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे काफी बड़े हैं और व्यक्तिगत रूप से मैंने उनका सम्मान ही किया है। मैं इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार पायलट ने यह भी कहा कि मैं किसी पद की इच्छा नहीं रखता, ये चीजें आती-जाती हैं। हमें जनता के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में काम करने की जरूरत है। मेरे और कुछ विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कांग्रेस द्वारा तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। हमने जो मुद्दे उठाए हैं, वे महत्व काफी महत्वपूर्ण है। राजनीति में द्वेष या व्यक्तिगत दुश्मनी के लिए कोई जगह नहीं है। हमारी बैठक में, प्रियंका और राहुल गांधी ने हमारी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि उन्हें हल करने के लिए एक रोड मैप तैयार किया जाएगा।
— ANI (@ANI) August 11, 2020
विधायकों की शिकायतों को दूर करना उनकी जिम्मेदारी- गहलोत
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि विधायकों की शिकायतों को दूर करना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन विधायक क्यों गए और उनसे क्या वादे किए गए? यह केवल वे ही जानते हैं। गहलोत ने जैसलमेर रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा कि यदि कोई भी विधायक मुझसे नाराज है, तो उसको संबोधित करना मेरी जिम्मेदारी है। मैं अतीत में ऐसा करते रहा हूं और अब भी ऐसा करूंगा।
भाजपा विधायक दल की बैठक रद
वहीं भाजपा विधायक दल की बैठक रद हो गई है। पहले यह बैठक जयपुर के होटल क्राउन प्लाजा में आज शाम चार बजे होनी थी। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने इसकी जानकारी दी है। अब यह बैठक 13 अगस्त को होगी।
कांग्रेस आलाकमान नेतृत्वहीन, दिशाहीन, मुद्दाविहीन- सतीश पूनिया
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि 31दिन बाद ये ही होना था तो ये कांग्रेस आलाकमान बहुत पहले कर सकता था। इसका मतलब है कि कांग्रेस का आलाकमान भी नेतृत्वहीन, दिशाहीन, मुद्दाविहीन है। ऐसी परिस्थिति में उस दल से किसी न्याय की अपेक्षा नहीं की जा सकती।