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राजस्थान के बागी विधायकों को कांग्रेस की नसीहत, भाजपा की आवभगत छोड़ने पर ही होगी बातचीत

राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी से बातचीत के लिए बागी विधायकों को भाजपा की आवभगत छोड़नी होगी।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 01:54 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 01:54 PM (IST)
राजस्थान के बागी विधायकों को कांग्रेस की नसीहत, भाजपा की आवभगत छोड़ने पर ही होगी बातचीत
राजस्थान के बागी विधायकों को कांग्रेस की नसीहत, भाजपा की आवभगत छोड़ने पर ही होगी बातचीत

जैसलमेर, पीटीआइ। राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा कि बागी विधायक अगर पार्टी से बातचीत करना चाहते हैं, तो वे भाजपा की आवभगत छोड़े और हरियाणा पुलिस के सुरक्षा चक्र से बाहर आए। साथ ही उन्होंने अभिनेता सुशांत राजपूत की मौत के मामले में कहा कि महाराष्ट्र पुलिस के अधिकार क्षेत्र में बिहार पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। 

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समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार सुरजेवाला से जब यह सवाल किया गया कि क्या बागी विधायकों के लिए अभी भी दरवाजे खुले हैं? उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि पार्टी के साथ वे बातचीत के लिए मानेसर में हरियाणा पुलिस के सुरक्षा चक्र से बाहर आएं व भाजपा की दोस्ती और आवभगत छोड़े। गौरतलब है कि पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत पार्टी के 19 विधायकों के बगावत के बाद राज्य में सियासी संकट जारी है। पिछले दिनों पार्टी ने विधायक दल की बैठक में शामिल न होने पर पायलट पर पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें उप-मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। पार्टी ने अन्य विधायकों पर भी कार्रवाई की। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस भी जारी किया गया। विधायकों को अयोग्य ठहराने का मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

इस दौरान सुरजेवाला ने बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा सहयोग नहीं किए जाने के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के कहा कि महाराष्ट्र पुलिस के अधिकार क्षेत्र में बिहार पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इससे अराजकता फैलेगी। किसी प्रदेश के अंदर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रदेश की सरकार की होती है। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की पूरी जिम्मेरी महाराष्ट्र सरकार की है। बता दें कि मामले में बिहार सरकार ने सीबीआइ जांच की सिफारिश कर दी है। मामले को लेकर लंबे समय से बिहार में सीबीआइ जांच की मांग हो रही थी। गौरतलब है कि गत 14 जून को बांद्रा के एक फ्लैट में संदिग्ध हालत में सुशांत की मौत हो गई थी। इसे सुसाइड का मामला माना जा रहा है। 


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