Rajasthan Politics News: कांग्रेस ने पायलट के सामने रखी 'घर वापसी' को लेकर शर्त, लेकिन कहा इससे पहले...
Rajasthan Politics News गहलोत के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का बयान आया है। उन्होंने कहान कि पायलट को अपनी तरफ से बात करनी होगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि सचिन पायलट पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करें, उसके बाद ही पार्टी में उनकी वापसी पर कोई बातचीत होगी। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि पायलट यदि पार्टी हाई कमान से माफी मांग लेते हैं तो वह उन्हें गले लगा लेंगे। कांग्रेस ने यह भी दावा किया है कि राजस्थान में उसकी सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और 14 अगस्त को विधानसभा में वह अपना बहुमत साबित कर देगी।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'सचिन पायलट को पहले आकर बातचीत करनी चाहिए। पायलट बाहर आएं और अपनी स्थिति स्पष्ट करें, उसके बाद ही उनकी वापसी पर कोई बातचीत हो सकती है।'पायलट को पहले भला बुरा कहने और अब उन्हें गले लगाने के गहलोत के बयान पर सुरजेवाला ने कहा कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश की गई थी, जिससे आहत होकर उन्हें पहले कुछ बातें कही थीं। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने जो कुछ भी कहा, वह बहुत जिम्मेदारी और परिपक्वता के साथ कहा।
यह पूछे जाने पर कि राजस्थान में कांग्रेस को कितने विधायकों का समर्थन है, सुरजेवाला ने कहा कि 102 से ज्यादा विधायक पार्टी के साथ हैं। इससे पहले उन्होंने 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गौरतलब है कि गहलोत ने शनिवार को जैसलमेर में कहा था कि अगर बागी विधायक पार्टी हाई कमान से माफी मांग लेते हैं तो उन्हें कोई शिकायत नहीं है और वो वही करेंगे जो पार्टी नेतृत्व कहेगा।
पायलट समेत 19 विधायकों ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया है, जिससे उनकी सरकार खतरे में पड़ गई है। गहलोत अपने समर्थक विधायकों को जैसलमेर में रखे हैं। कांग्रेस ने पायलट को मनाने की बहुत कोशिश की। उनसे बातचीत करने के लिए कई नेताओं को भेजा, लेकिन पायलट समेत कोई भी बागी विधायक अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहा है। सचिन पायलट यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि वो भाजपा में शामिल नहीं होंगे।
युवाओं का मार्गदर्शन करें वरिष्ठ नेता
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कहा है कि वे सोशल मीडिया पर टीका-टिप्पणी करने के बजाय युवा नेताओं का मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है और नेताओं को पार्टी के भीतर उचित मंच पर अपनी बात रखनी चाहिए। गौरतलब है कि यूपीए सरकार के प्रदर्शन को लेकर पार्टी के युवा और वरिष्ठ नेताओं के बीच ट्विटर पर युद्ध छिड़ा है। युवा नेता पार्टी की मौजूदा दुर्दशा के लिए मनमोहन सिंह सरकार के कामकाज को जिम्मेदार बता रहे हैं।