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Rajasthan Politics: महाराष्‍ट्र के बीच राजस्‍थान की होने लगी चर्चा; बड़ी बात बोल गए पायलट, समर्थक भी दे रहे 'बदलाव' के संकेत

एकनाथ शिंदे के बागी रुख के कारण महाराष्‍ट्र में जारी सियासी खींचतान अभी थमी नहीं थी कि राजस्‍थान में पुराने विवाद के दौरान सीएम अशोक गहलोत के दिए बयानों को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट का दर्द छलका है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 03:56 AM (IST)
Rajasthan Politics: महाराष्‍ट्र के बीच राजस्‍थान की होने लगी चर्चा; बड़ी बात बोल गए पायलट, समर्थक भी दे रहे 'बदलाव' के संकेत
राजस्‍थान में पुराने विवाद के दौरान सीएम अशोक गहलोत के बयानों को लेकर सचिन पायलट का दर्द छलका है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान जारी है। इस बीच पायलट ने जोधपुर में लोकसभा चुनाव की हार के बहाने गहलोत को घेरा है। उन्होंने कहा कि गहलोत पितातुल्य हैं। वह मुझे नाकारा व निकम्मा तक बोल चुके हैं, फिर भी मैं कहना चाहूंगा कि जोधपुर में हारना एक चूक थी। राजस्थान सरकार गिराने के षड्यंत्र में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पायलट के मिले होने को लेकर गहलोत के बयान के तीसरे दिन सोमवार को पायलट ने यह तंज कसा है।

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गहलोत ने 'नाकारा', 'निकम्मा' तक बोला

टोंक में मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री ने मेरे बारे में बहुत कुछ कह दिया था। 'नाकारा', 'निकम्मा' तक बोला। गहलोत अनुभवी हैं, बुजुर्ग हैं और मेरे पितातुल्य हैं। वब कभी कुछ बोल देते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता हूं। राहुल गांधी मेरे धर्य की तारीफ कर चुके हैं।

कांग्रेस करे इस सवाल पर विचार 

इस दौरान पायलट ने कहा कि कांग्रेस कभी भी लगातार सत्ता में नहीं आती। क्यों नहीं आती है, इस पर विचार करना होगा। 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 156 सीटें मिलीं थीं, लेकिन पांच साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 56 सीटें ही मिल सकीं।

याद दिलाए आंकड़े

पायलट ने कहा कि इसी तरह 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने 121 सीटें जीती थीं, लेकिन पांच साल बाद फिर चुनाव हुए तो मात्र 21 सीटें ही जीत सकी थी। अगर एक-दो सीट और कम मिलती तो हमारा प्रतिपक्ष का नेता भी नहीं बनता। प्रदेश में 50 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित हैं, लेकिन उनमें से हमें केवल दो ही सीटों पर जीत मिली थी।

पायलट के बयान के मायने..?

दरअसल, कांग्रेस सरकार के उक्त दोनों कार्यकाल में गहलोत सीएम थे। ऐसे में पायलट का बयान गहलोत पर कटाक्ष माना जा रहा है। पायलट ने कहा कि हमारा मकसद यह है कि कांग्रेस फिर कैसे सत्ता में आए। मेरे सुझावों पर पार्टी ने काम करना शुरू किया है।

हमारी सरकार रहते हुए शेखावत जीते

पायलट ने कहा कि शेखावत केंद्र में मंत्री इसलिए बन गए, क्योंकि वह जोधपुर से लोकसभा का चुनाव जीते थे। हम राज्य की सरकार में थे, फिर भी कांग्रेस चुनाव हार गई। यह चूक हुई, इस पर ध्यान देना चाहिए। दरअसल, जोधपुर गहलोत का गृह जिला होने के साथ ही लोकसभा चुनाव में उनके पुत्र वैभव गहलोत कांग्रेस के प्रत्याशी थे।

गहलोत दिल्ली गए, पर नहीं हुई राहुल से मुलाकात

गहलोत सोमवार सुबह जयपुर से दिल्ली गए। वह राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नामांकन के समय मौजूद रहे। उन्होंने कुछ देर पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल से चर्चा की। पहले चर्चा थी कि वह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पायलट समर्थक दे रहे बदलाव के संकेत

पायलट समर्थक बदलाव के संकेत दे रहे हैं। सचिन के विश्वस्त विधायक इंद्रराज गुर्जर ने एक बयान में कहा कि जमीन पर बैठा हुआ आदमी कभी नहीं गिरता, फिक्र उनको है, जो हवा में हैं। पायलट के प्रशंसक व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर कहा कि विषपान करने वाले नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है। प्रमोद कृष्णम पायलट को सीएम बनाने की वकालत लंबे समय से कर रहे हैं।


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