जंगल में रह रहे आदिवासियों की खातिर राहुल गांधी ने लिखा भूपेश बघेल को पत्र
सुप्रीम कोर्ट ने कब्जाधारियों को हटाने की 27 जुलाई 2019 समय-सीमा तय की है। राहुल ने कहा कि आदिवासियों का न हो नुकसान वन अधिकार पट्टा नियम 2006 का करें पालन।
रायपुर, जेएनएन। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के संदर्भ में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वन अधिकार पट्टा नियम 2006 का पालन करने की सलाह दी है, जिसमें जंगल के बेजा कब्जाधारियों को 27 जुलाई 2019 तक हटाने की समय-सीमा दी गई है। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।
अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्रियान्वित होता है तो छत्तीसगढ़ में 20 हजार से अधिक प्रकरणों में बेदखली की कार्रवाई करनी होगी। अभी तक केवल चार हजार प्रकरणों में कार्रवाई की जानकारी राज्य सरकार ने कोर्ट को दी है। ऐसे में राहुल की चिठ्ठी से साफ है कि कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को नाराज नहीं करना चाहती है। इस कारण कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार आदिवासियों की जमीन को बचाने का रास्ता तलाशा जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' से कहा कि इसके लिए मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने को कहा गया है। राहुल ने 23 फरवरी के पत्र में लिखा है कि 45 प्रतिशत से कम आदिवासियों को निजी जमीन का अधिकार मिला हुआ है और 50 प्रतिशत आदिवासियों को सामुदायिक वन भूमि अधिकार प्राप्त है। इसका उल्लेख आदिवासी विकास विभाग ने अपनी रिपोर्ट में किया है। उन्होंने 2006 के नियम को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है, जिससे दोनों वर्ग के आदिवासियों को नुकसान न हो।