आरबीआइ की रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने कसा तंज, कहा- सरकार खर्च बढ़ाए, उधार नहीं
आरबीआइ ने हालात को बेहद अप्रत्याशित करार देते हुए केंद्र व राज्यों के समक्ष उन उपायों की एक फेहरिस्त सौंपी है जो मौजूदा निराशा के माहौल को दूर करने के लिए जरुरी होगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी उस बात की पुष्टि कर दी जिसकी मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं। जरूरी है कि सरकार खर्च बढ़ाए, उधार नहीं। गरीबों को पैसा दे, न कि उद्योगपतियों को टैक्स-कटौती खपत से अर्थव्यवस्था को फिर शुरू करे। मीडिया द्वारा ध्यान भटकाने से न गरीबों की मदद होगी, न आर्थिक आपदा सुलझेगी।
कोरोना वायरस ने गरीबों को सबसे ज्यादा मारा : आरबीआइ
ज्ञात रहे कि कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचाया है, इसकी अभी तक की सबसे विस्तृत समीक्षा रिजर्व बैंक की तरफ से मंगलवार को जारी सालाना रिपोर्ट में की थी। वैसे तो यह सालाना रिपोर्ट पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की है, लेकिन इस बार परंपरा से हटते हुए आरबीआइ ने इसका फोकस कोविड-19 के मद्देनजर भावी उम्मीदों और हालात पर केंद्रित रखा है। रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने यह भी माना है कि महामारी के मद्देनजर हालात किस करवट बैठेगा, यह अभी अनुमान लगाना मुश्किल है।
खास तौर पर तब जब लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के जो लक्षण मई-जून में दिखाई दिए थे वे जुलाई में गायब होते नजर आ रहे हैं। आरबीआइ ने हालात को बेहद अप्रत्याशित करार देते हुए केंद्र व राज्यों के समक्ष उन उपायों की एक फेहरिस्त सौंपी है जो मौजूदा निराशा के माहौल को दूर करने के लिए जरुरी होगा। इसमें बड़े पैमाने पर जमीन, श्रम व गवर्नेंस में सुधार करने और निजीकरण को बढ़ावा देने पर जोर है।
हालात सुधारने को आरबीआइ के मंत्र
1. पावर, स्टील, रेलवे, पोर्ट में केंद्र और राज्य की तरफ से भारी निवेश हो
2. उक्त सभी ढांचागत सेक्टर में खाली जमीन का निजीकरण जरूरी
3. श्रम, भूमि व बिजली सेक्टर में जीएसटी काउंसिल जैसी निकाय बने
4. रेलवे में एफडीआइ की अपार संभावनाएं, आजमाने का मौका
5. कारोबार के लिहाज से माहौल सुधार के लिए बड़े कानूनी सुधार हो
6. श्रम सुधार के बड़े कदमों के साथ महिला श्रमिकों की बड़ी भागीदारी तय हो
7. राज्यों से विवाद मुक्त जमीन का डाटा उपलब्ध हो, निजी प्लांट लगे
8. मैन्यूफैक्चरिंग आधारित इकोनोमी बनाने के लिए एमएसएमई को मिले हर सुविधा
9. कृषि सेक्टर में निर्यात कई गुणा बढ़ाने की क्षमता
10. सरकारी बैंकों को अतिरिक्त पूंजी देने को लेकर स्थिति स्पष्ट की जाए