राहुल गांधी बोले, अपने भाषण में रोजगार पर कुछ नहीं बोले पीएम मोदी
राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य के बाद आरोप लगाया कि मोदी ने देश के सामने खड़ी सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी के बारे में कोई बात नहीं की।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य के बाद आरोप लगाया कि मोदी ने देश के सामने खड़ी सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी के बारे में कोई बात नहीं की और सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश की।
रोजगार के बारे में एक शब्द नहीं बोल सकते
संवाददाताओं से बातचीत में राहुल ने कहा, 'आज देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार का है, अर्थव्यवस्था का है। हर युवा चाहता है कि पढ़ाई के बाद यह देश उसे रोजगार दे पाए। हमने प्रधानमंत्री से कई बार कहा कि आप देश के युवाओं को रोजगार के बारे में बताइए। प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे पाए। वह रोजगार के बारे में एक शब्द नहीं बोल सकते। वित्त मंत्री ने भी अपने भाषण में रोजगार के बारे में कुछ नहीं बोला।' कांग्रेस नेता ने दावा किया, 'वह भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। कभी जवाहरलाल नेहरू की बात करेंगे, कभी पाकिस्तान की बात करेंगे और कभी बांग्लादेश की बात करेंगे। बस रोजगार की बात नहीं करते।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन नए रोजगार की बात छोडि़ए, पिछले साल एक करोड़ युवाओं की नौकरी चली गई।
आपातकाल के दौरान संविधान की याद क्यों नहीं आई
इससे पहले संविधान बचाने की दुहाई देने पर कांग्रेसी सांसदों को आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपको आपातकाल के दौरान संविधान की याद नहीं आई थी। जब लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया था। यही नहीं, सबसे ज्यादा बार संविधान में संशोधन कांग्रेस के शासन काल में ही हुआ है। दर्जनों बार राज्यों की चुनी हुई सरकार को मनमाने तरीके से बर्खास्त करने का काम किया गया।
'कैबिनेट के प्रस्ताव को फाड़ने वाले संविधान की दुहाई दे रहे हैं'
यदि कांग्रेस को संविधान से इतना ही प्यार था तो वह इसे जम्मू-कश्मीर में लागू क्यों नहीं करा पाई? मनमोहन सिंह सरकार के दौरान कैबिनेट नोट को राहुल गांधी द्वारा फाड़ने की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 'कैबिनेट के पारित प्रस्ताव को प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ने वाले को संविधान बचाओ का मंत्र बार-बार बोलना जरूरी है।' यूपीए सरकार में नेशनल एडवाइजरी कौंसिल (एनएसी) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम और पीएमओ के ऊपर एनएसी को बिठाने वालों को संविधान का महत्व समझना जरूरी है।
दिल्ली में क्या हो रहा है पूरा देश देख रहा है: मोदी
विरोध प्रदर्शनों के दौरान संविधान की दुहाई दिये जाने और उसकी प्रस्तावना के पाठ की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'दिल्ली और देश में क्या-क्या हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है।' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट संविधान का एक अहम अंग है, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को भी मानने से इनकार कर रहे हैं और वामपंथी इन प्रदर्शनों जाकर भड़काऊ भाषण कर रहे हैं।