आरोग्य सेतु और लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस और भाजपा में तीखी तकरार, जानें किसने क्या कहा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली है। इसके जरिये एक निजी ऑपरेटर को सूचना आउटसोर्स की जाती है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। आरोग्य सेतु मोबाइल एप और लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर कांग्रेस-भाजपा के बीच शनिवार की तीखी तकरार देखने को मिली। कांग्रेस ने आरोग्य सेतु एप के इस्तेमाल से डाटा सुरक्षा और गोपनीयता के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए लॉकडाउन 3.0 को लेकर भी कुछ सवाल उठाए। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि आरोग्य सेतु एप को दुनियाभर में सराहा जा रहा है और इसे किसी प्राइवेट कंपनी को आउटसोर्स नहीं किया गया है। लॉकडाउन विस्तार पर पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के पास कोरोना संकट पर कोई सुझाव नहीं है और उसकी दिलचस्पी सिर्फ राजनीति करने में है।
The Arogya Setu app, is a sophisticated surveillance system, outsourced to a pvt operator, with no institutional oversight - raising serious data security & privacy concerns. Technology can help keep us safe; but fear must not be leveraged to track citizens without their consent.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 2, 2020
एप को लेकर राहुल ने व्यक्त की डाटा सुरक्षा व गोपनीयता की चिंता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली है। इसके जरिये एक निजी ऑपरेटर को सूचनाएं आउटसोर्स की जाती हैं। यह डाटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है, लेकिन भय का इस्तेमाल नागरिकों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि विभिन्न विशेषज्ञों ने आरोग्य सेतु एप के बारे में गोपनीयता के कई मुद्दे उठाए हैं। लॉकडाउन विस्तार पर सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर शाम एक आदेश जारी कर 17 मई, 2020 तक लॉकडाउन 3.0 लागू कर दिया। न तो प्रधानमंत्री सामने आए और न ही उन्होंने देश को संबोधित किया। न ही गृह मंत्री सामने आए।
यहां तक कि भारत सरकार के किसी अधिकारी ने भी सामने आने की जहमत नहीं उठाई। 130 करोड़ भारतीय जवाब चाहते हैं कि लॉकडाउन 3.0 का मकसद क्या है? इससे निकलने की रणनीति क्या है। आखिरकार लॉकडाउन कब खत्म होगा।
आरोग्य सेतु कोविड-19 संक्रमण के बारे में देता है जानकारी
आरोग्य सेतु एप उपयोगकर्ताओं को यह पहचानने में मदद करता है कि उन्हें कोविड-19 संक्रमण का खतरा है या नहीं। यह कोरोना वायरस और इसके लक्षणों से बचने के तरीकों सहित लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है। केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए एप डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया है। इसने निजी कंपनियों से आग्रह किया है कि वे भी अपने कर्मचारियों को इसका उपयोग करने के लिए कहें।
Daily a new lie.
Aarogya Setu is a powerful companion which protects people. It has a robust data security architecture.
Those who indulged in surveillance all their lives, won’t know how tech can be leveraged for good! https://t.co/t8ThXmddcS" rel="nofollow — Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 2, 2020
रविशंकर प्रसाद बोले, कांग्रेस नेता रोज नया झूठ बोलते हैं
आरोग्य सेतु एप पर कांग्रेस के आरोप जवाब देते हुए संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता रोज नया झूठ बोलते हैं। जो जिंदगीभर निगरानी करने में लिप्त रहे हों वे नहीं समझेंगे कि तकनीक का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के लिए यह सही समय है जब उन्हें अपने ट्वीट अपने उन साथियों को आउटसोर्स करना बंद कर देना चाहिए जो भारत को नहीं समझते। रविशंकर ने जोर देकर कहा कि आरोग्य सेतु एप में डाटा सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि वह बड़े होना ही नहीं चाहते। वह न सिर्फ आरोग्य सेतु एप से अनभिज्ञ हैं बल्कि बेहद गैरजिम्मेदारी से गलत सूचनाओं के जरिये लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा ने कहा, कांग्रेस की दिलचस्पी सिर्फ राजनीति करने में
लॉकडाउन पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर पूरा देश समझ रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन का विस्तार लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए किया है। इस मसले पर कांग्रेस अप्रासंगिक सवाल उठा रही है। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि कांग्रेस कभी कुछ रचनात्मक भी कहेगी या सरकार जो कर रही है उसकी वह प्रतिदिन सिर्फ आलोचना करेगी।
सरकार ने पहले ही कई कल्याणकारी कदम उठाए हैं। इनमें गरीबों को राशन देना और किसानों, गरीब महिलाओं व अन्य के खातों में रुपये ट्रांसफर करना शामिल हैं। सरकार ने अपने सभी खर्चो में कटौती की है और यहां तक कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सांसदों के वेतन 30 फीसद घटा दिए गए हैं। देश को आगे ले जाने के लिए जितना भी जरूरी होगा, सरकार खर्च करेगी।