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कांग्रेस का ध्यान दक्षिण पर, राहुल ने चांडी को सौंपी आंध्र में कांग्रेस को जिंदा करने की जिम्मेदारी

आंध्रप्रदेश में कांग्रेस को नये सिरे से जिंदा करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी ने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमेन चांडी को सौंपी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 06:44 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 07:55 PM (IST)
कांग्रेस का ध्यान दक्षिण पर, राहुल ने चांडी को सौंपी आंध्र में कांग्रेस को जिंदा करने की जिम्मेदारी
कांग्रेस का ध्यान दक्षिण पर, राहुल ने चांडी को सौंपी आंध्र में कांग्रेस को जिंदा करने की जिम्मेदारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आंध्रप्रदेश में कांग्रेस को नये सिरे से जिंदा करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी ने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमेन चांडी को सौंपी है। चांडी को पहली बार केंद्रीय संगठन में बतौर महासचिव बनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें दिग्विजय सिंह की जगह आंध्रप्रदेश का प्रभार सौंपा है। अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में किये जा रहे बदलाव के क्रम में कांग्रेस हाईकमान ने सीपी जोशी को भी महासचिव पद से हटा दिया है। पार्टी के युवा चेहरों में शामिल गौरव गोगोई को जोशी की जगह पश्चिम बंगाल का केंद्रीय प्रभारी नियुक्त किया गया है।

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-केरल के पूर्व सीएम को दिग्गी राजा की जगह बनाया पार्टी महासचिव

-सवालों में रहे सीपी जोशी की भी हुई छुट्टी, गौरव गोगोई बने पश्चिम बंगाल के प्रभारी

कांग्रेस की कमान संभालने के बाद से राहुल राज्यों में पार्टी की राजनीतिक वापसी के एजेंडे को सबसे ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। इसी लिहाज से राज्यों के संगठन की नियुक्तियां हो रही हैं तो बेहतर नतीजे देने का लक्ष्य देते हुए नये केंद्रीय प्रभारियों की नियुक्ति भी हो रही है।

आंध्रप्रदेश दक्षिण में कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा था और 2009 के आम चुनाव में यहां पार्टी को लोकसभा की 33 सीटें हासिल हुई थी। मगर आंध्र का बंटवारा कर नये राज्य तेलंगाना बनाने से लेकर जगन मोहन रेड्डी के कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाने के बाद कांग्रेस की राजनीतिक जमीन आंध्र में धराशायी हो चुकी है। जगन कांग्रेस के दिग्गज नेता दिवंगत सीएम वाइएसआर राजशेखर रेड्डी के बेटे हैं और उनकी पार्टी वाइएसआर कांग्रेस इस समय आंध्र में मुख्य विपक्षी दल है।

इस लिहाज से ओमन चांडी के लिए महासचिव के रुप में आंध्र की जिम्मेदारी बड़ी चुनौती है। अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में संगठन के स्तर पर पार्टी को खड़ा करने से लेकर आंध्र के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के प्रति सूबे में हुई नाराजगी को भी खत्म करने की चुनौती से चांडी को रूबरू होना पड़ेगा। चांडी को केरल की राजनीति से कांग्रेस की केंद्रीय सियासत में लाया गया है और पहली बार वे पार्टी महासचिव बने हैं।

बिहार और पश्चिम लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के लंबे अर्से तक प्रभारी महासचिव रहे सीपी जोशी को हटाया जाना लगभग पहले से ही तय था। बिहार में कांग्रेस विधायक दल में हुई उठापटक से लेकर हाल के मेघालय चुनाव में पार्टी से सत्ता छीन जाने के मद्देनजर जोशी की क्षमता को लेकर सवाल उठाए गए थे।

कांग्रेस प्रवक्ता और लोकसभा सांसद गौरव गोगोई को जोशी की जगह पश्चिम बंगाल के साथ अंडमान निकोबार का प्रभारी बनाया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन को आकार देने में जुटी कांग्रेस के लिए पश्चिम बंगाल सियासी रुप से महत्वपूर्ण राज्य है।

जाहिर तौर पर गोगोई के लिए पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के साथ एक तरफ तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी से कांग्रेस का राजनीति तालमेल बना रहा यह सुनिश्चित करना होगा। दूसरी ओर ममता को खुश रखने के साथ वामपंथी दलों के साथ सियासी दोस्ती में दुराव न आए यह जिम्मेदारी भी निभानी होगी।


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