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राहुल की अलग मत्स्य मंत्रालय की मांग पर गिरिराज सिंह ने इतालवी में ट्वीट कर कहा- पहले से ही है

राहुल गांधी को जवाब देते हुए केंद्रीय मत्स्य पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने इतालवी में ट्वीट कर कहा कि कारो राउल नान एसिस्टे उन मिनिस्टेरो डेल्ला पेस्का सेपाराटो इन इटालिया। विएन सोट्टो मिनिस्टेरो डेल्ले पालिटिशे एग्रीकोल ए फोरेस्टली।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 09:21 PM (IST)
राहुल की अलग मत्स्य मंत्रालय की मांग पर गिरिराज सिंह ने इतालवी में ट्वीट कर कहा- पहले से ही है
केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एजेंसियां। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पुडुचेरी में मछुआरों को संबोधित करते हुए उनके लिए अलग मंत्रालय की मांग की। इस पर केंद्रीय मंत्रियों ने तुरंत उनकी अज्ञानता पर निशाना साधते हुए गलत जानकारियां फैलाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्हें याद दिलाया कि यह मंत्रालय पहले से है।

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केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने इतालवी में ट्वीट कर कहा, 'कारो राउल, नान एसिस्टे उन मिनिस्टेरो डेल्ला पेस्का सेपाराटो इन इटालिया। विएन सोट्टो मिनिस्टेरो डेल्ले पालिटिशे एग्रीकोल ए फोरेस्टली।' (इटली में अलग मत्स्य मंत्रालय नहीं है। यह कृषि एवं वन मंत्रालय के तहत आता है।) उन्होंने हिंदी में भी ट्वीट किया, 'राहुल जी, आपको पता होना चाहिए कि मोदी जी ने 31 मई, 2019 को एक नए मंत्रालय का गठन किया है और 20,050 करोड़ का मास्टर प्लान शुरू किया है जो आजादी के बाद से 2014 तक केंद्र सरकारों के खर्च (3,682 करोड़) से कई गुना अधिक है। राहुल जी, मैं आपसे नए मत्स्य मंत्रालय आने का अनुरोध करता हूं या मुझे फोन करके बताइए कि मैं कहां आऊं। नए मत्स्य मंत्रालय द्वारा पूरे देश और पुडुचेरी में चलाई जा रहीं योजनाओं के बारे में मुझे बताने का मौका दीजिए।'

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इतालवी में लिखा, 'सन्नो सोलो उना कोसा। डिफ्फोंडेरे बुगी, पौरा ए डिसइंफोरमेजिअन।' (वे सिर्फ एक चीज जानते हैं। झूठ, भय और गलत जानकारियों का प्रसार।)

बता दें कि राहुल गांधी ने बुधवार को पुडुचेरी में पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए कहा था, 'सरकार ने किसानों के खिलाफ तीन विधेयकों को पारित किया है, जो देश की रीड़ हैं। आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि मछुआरों की सभा में मैं किसानों के बारे में बात क्यों कर रहा हूं। मैं आपको समुद्र का किसान मानता हूं। अगर जमीन के किसानों का दिल्ली में मंत्रालय हो सकता है तो समुद्र के किसानों का क्यों नहीं।'


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