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विजय माल्‍या विवाद: राहुल गांधी ने CBI के संयुक्त निदेशक एके शर्मा पर उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर विजय माल्या मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 01:09 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 02:09 PM (IST)
विजय माल्‍या विवाद: राहुल गांधी ने CBI के संयुक्त निदेशक एके शर्मा पर उठाए सवाल
विजय माल्‍या विवाद: राहुल गांधी ने CBI के संयुक्त निदेशक एके शर्मा पर उठाए सवाल

नई दिल्ली (जेएनएन)। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर विजय माल्या मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सीबीआइ के संयुक्त निदेशक एके शर्मा ने माल्या के लुकआउट नोटिस को कमजोर किया, जिससे माल्या को भागने में मदद मिली। एके शर्मा जो कि गुजरात कैडर के अधिकारी हैं और सीबीआइ में पीएम मोदी के चहते हैं। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भागने में भी इसी अधिकारी का हाथ है।'

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बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को भी राहुल गांधी ने विजय माल्या के मामले में सरकार को निशाने पर लिया था और कहा था कि यह समझ नहीं आ रहा कि इतने गंभीर और बड़े मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजाजत के बिना सीबीआइ ने लुकआउट नोटिस बदला होगा। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'सीबीआइ ने बड़ी खामोशी से डिटेन नोटिस को इन्फॉर्म नोटिस में बदल दिया, जिससे विजय माल्या देश से बाहर भाग सका। सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। ऐसे में यह समझ नहीं आ रहा कि इतने बड़े और विवादित मामले में सीबीआइ ने प्रधानमंत्री की अनुमति के बगैर लुकआउट नोटिस बदला होगा।'

कांग्रेस और भाजपा के आरोप-प्रत्‍यारोप के बीच सीबीआइ ने लुकआउट नोटिस में बदलाव पर गलती मानी है। माल्या के नोटिस को हिरासत से बदलकर सिर्फ सूचना देने में बदला गया था। सीबीआइ ने गुरुवार को कहा कि विजय माल्या के खिलाफ 2015 के लुकआउट सर्कुलर में बदलाव करना 'एरर ऑफ जजमेंट' था।

सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, विजय माल्या के खिलाफ जांच शुरुआती चरण में थी, एजेंसी उस वक्त 900 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्टर मामले में आईडीबीआई से दस्तावेज एकत्रित कर रही थी। नवंबर 2015 के आखिरी हफ्ते में माल्या के खिलाफ एक नया एलओसी जारी किया जिसमें देशभर के तमाम एयरपोर्ट को माल्या के आने जाने की सूचना देने के लिए कहा गया। इस सर्कुलर के जारी होते ही पहले से जारी माल्या को हिरासत में लेने वाला सर्कुलर रद हो गया। ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (बीओआई) तब तक किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने या विमान में सवार होने से रोकने की कार्रवाई नहीं करता जब सर्कुलर में ऐसा ना कहा गया हो।


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