राहुल और प्रियंका ने सरकार से नीट और जेईई परीक्षाओं को लेकर छात्रों की चिताओं पर गौर करने की अपील की
राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने सरकार से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) को लेकर छात्रों की चिंताओं पर गौर करने की अपील की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका वाड्रा ने रविवार को सरकार से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test, NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint Entrance Examination, JEE) को लेकर छात्रों की चिंताओं पर गौर करने और इसका समाधान निकालने की गुजारिश की है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई छात्रों और अभिभावकों ने प्रवेश परीक्षाओं को टालने की मांग की है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर कहा, 'भारत सरकार को नीट, जेईई परीक्षा के बारे में छात्रों के मन की बात को सुनना चाहिए और इसका समाधान करना चाहिए।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों का कीमती साल बर्बाद ना होने का हवाला देते हुए जेईई (मेन) और नीट स्नातक परीक्षा को टालने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इस परीक्षा का आयोजन सितंबर माह में किया जाना है।
जेईई की मुख्य परीक्षा एक सितंबर से छह सितंबर के बीच आयोजित की जानी है। जेईई (एडवांस्ड) 27 सितंबर को जबकि नीट (National Eligibility cum Entrance Test, NEET) का आयोजन 13 सितंबर को किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि जेईई (Joint Entrance Examination, Main) और नीट-यूजी (NEET UG) की परीक्षाएं सितंबर में निर्धारित समय पर आयोजित की जाएंगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भी छात्रों की चिंताओं पर गौर करने और इसका समाधान निकालने की गुजारिश की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई हैं। ऐसे में यदि नीट और जेईई परीक्षा देने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं तो भारत सरकार को उनकी मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
दूसरी ओर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जेईई (Joint Entrance Examination, JEE) और नीट की परीक्षा टाले जाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि जब तक कि कोरोना के चलते पैदा हुए हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक इन परीक्षाओं को टाल दिया जाए। उन्होंने कहा है कि छात्रों में परीक्षा को लेकर दबाव है कि शारीरिक रूप से परीक्षा में भाग लेने के दौरान वे सुरक्षित कैसे रह सकते हैं।