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राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनीतिक हलचल तेज, जानिए- किसने क्या कहा

राफेल पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत। राजनाथ सिंह बोले- राजनीतिक फायदे के लिए लगाए आधारहीन आरोप।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 11:27 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 11:27 AM (IST)
राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनीतिक हलचल तेज, जानिए- किसने क्या कहा
राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनीतिक हलचल तेज, जानिए- किसने क्या कहा

नई दिल्ली, जेएनएन। राफेल विमान सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत के बाद भाजपा एक बार फिर कांग्रेस पर हमलावर है। भाजपा ने राफेल पर कांग्रेस के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। हालांकि कोर्ट के फैसले के बावजूद कांग्रेस अब भी अपनी मांग पर अड़ी है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है, 'वह अब भी राफेल मुद्दे पर अपनी मांग पर कायम है राफेल ़डील की जेपीसी जांच होनी चाहिए।' इस बीच राफेल मुद्दे पर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही हैं, जहां केंद्र सरकार कांग्रेस व विपक्षी दलों को राफेल सौदे को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए घेर रही है। वहीं, विपक्षी दल कोर्ट के फैसले के बाद भी राफेल पर लगाए अपने आरोपों पर कायम है। राफेल मामले में प्रमुख याचिकाकर्ता/ वरिष्ठ वकील ने कोर्ट के फैसले से असहमति बताते हुए रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की बात कही है।

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कांग्रेस के आरोप आधारहीन : राजनाथ सिंह 
इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कांग्रेस का घेराव किया है। उन्होंने कहा है, 'मामला पहले से बिल्कुल स्पष्ट था। हम पहले से कह रहे थे कि कांग्रेस राजनीतिक फायदा उठाने के लिए आधारहीन आरोप लगा रही है।' राजनाथ सिंह ने यह मुद्दा शुक्रवार को संसद में भी उठाया है।

वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कोर्ट के फैसले पर कहा है कि अब राफेल के मुद्दे को बंद हो जाना चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अनिल अंबानी ने किया स्वागत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अनिल अंबानी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अनिल अंबानी ने लिखा, 'राफेल पर सभी याचिकाओं को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। ये साबित करता है कि राफेल पर सभी आरोप झूठे थे। सभी आरोप गलत, निराधार और राजनीति से प्रभावित थे।'

ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं : आनंद शर्मा 
भले ही सुप्रीम कोर्ट का फैसले कांग्रेस के राफेल मुद्दे पर लगाए जा रहे आरोपों के बिल्कुल उलट आया है। इसके बावजूद कांग्रेस का कहना है कि कोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री और भाजपा को खुश होने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसला पर खुश नहीं होना चाहिए। कोर्ट का फैसला स्वयं में विरोधाभासी है।'

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TMC ने भी की जेपीसी जांच की मांग
राफेल पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सौगत रॉय बोले कि सुप्रीम कोर्ट ने वह कहा जो उसे लगता है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां इसमें जेपीसी जांच की मांग करती हैं।

केवल संसद में हल हो सकता है राफेल मुद्दा : शिवसेना
राफेल पर कोर्ट के फैसले पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है, 'सुप्रीम कोर्ट ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। मूल्य निर्धारण करने का फैसला सर्वोच्च न्यायालय का काम नहीं है। इसी प्रकार राम मंदिर निर्माण करना भी सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है। राफेल मुद्दा केवल संसद में हल हो सकता है न कि सुप्रीम कोर्ट में।'

राफेल पर कोर्ट का फैसला गलत : प्रशांत भूषण 
उधर, राफेल पर जहां केंद्र व भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुश हैं, वहीं मुख्य याचिकाकर्ताओं में शामिल वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट के फैसले में नाखुशी जाहिर की हैं। प्रशांत भूषण ने राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि वायुसेना ने कभी ने कहा कि उसे 36 राफेल चाहिए। कोर्ट के फैसले के बावजूद प्रशांत भूषण अपने आरोपों पर अड़े रहे और कहा कि वायुसेना से बिना पूछे मोदी जी ने फ्रांस में जाकर समझौता कर लिया, इसके बाद तय कीमत से ज्यादा पैसा दे दिया। बाद में कोर्ट में कीमतों पर सीलबंद रिपोर्ट दे दी, जिसकी हमें जानकारी भी नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने न तो ऑफसेट पार्टनर चुनने के मामले को भी गलत नहीं माना है ।

क्‍या है जेपीसी?

  • जेपीसी 'संयुक्त संसदीय कमेटी' है।
  • इस कमेटी का गठन तभी होता है, जब घोटाले होते हैं।
  • भारतीय संसद के इतिहास में अब तक 4 बार जेपीसी का गठन हो चुका है
  • 6 अगस्‍त 1987 : पहली बार बोफोर्स घोटाले को लेकर जेपीसी का गठन हुआ
  • 6 अगस्‍त 1992 : दूसरी बार हर्षद मेहता का शेयर घोटाले की जांच करने के लिए जेपीसी का गठन हुआ।
  • 26 अप्रैल, 2001 : एक बार फिर शेयर बाजार में हुए घोटाले के कारण जेपीसी का गठन हुआ।
  • अगस्‍त 2003 : चौथी और आखिरी जेपीसी का गठन भारत में बनने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्‍स और अन्‍य पेय पदार्थों में कीनटाशक होने की जांच के लिए किया गया था।

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