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एअरमार्शल सिन्हा ने आरोपों को किया खारिज, कहा-पीएमओ ने नहीं की कोई दखलअंदाजी

राफेल सौदे में पीएमओ की दखंलदाजी के विपक्ष के आरोप को खुद राफेल सौदे के वार्ताकार एसबीपी सिन्हा ने ही खारिज कर दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 09:47 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 09:47 PM (IST)
एअरमार्शल सिन्हा ने आरोपों को किया खारिज, कहा-पीएमओ ने नहीं की कोई दखलअंदाजी
एअरमार्शल सिन्हा ने आरोपों को किया खारिज, कहा-पीएमओ ने नहीं की कोई दखलअंदाजी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राफेल सौदे में पीएमओ की दखंलदाजी के विपक्ष के आरोप को खुद राफेल सौदे के वार्ताकार एसबीपी सिन्हा ने ही खारिज कर दिया है। वहीं जिस तत्कालीन रक्षा सचिव जी मोहन कुमार का हवाला देकर आरोप लगाया था उन्होंने साफ कर दिया कि उन्होंने दखलअंदाजी की बात नहीं की और न ही राफेल की कीमत पर कोई सवाल उठाया है।

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वह सिर्फ सामान्य शर्तों को लेकर चिंतित थे। जबकि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर सीधा आरोप लगाया कि वह कारपोरेट के निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों में खेलकर मनगढंत आरोप लगा रहे हैं।

शुक्रवार को एक अखबार में छपी खबर के आधार पर कांग्रेस ने सरकार और प्रधानमंत्री पर सीधा निशाना साधा था। इसमें कहा गया था कि तत्कालीन रक्षा सचिव ने पीएमओ से समानांतर वार्ता किए जाने पर एतराज जताया था। एक तरफ जहां कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे तत्काल लपक लिया। वहीं सरकार के साथ साथ संबद्ध अधिकारियों ने पूरी स्थिति स्पष्ट करने में कोई देर नहीं लगाई।

फ्रांस के साथ राफेल सौदे की टीम का नेतृत्व कर रहे एअरमार्शल एसबीपी सिन्हा ने कहा कि 'वार्ता में उक्त सचिव शामिल नहीं थे। पीएमओ की ओर से कोई समानांतर वार्ता नहीं हुई थी। समझौते में केवल उन्हीं मुद्दों पर हस्ताक्षर हुए थे जिसपर दोनों टीम के बीच सहमति बनी थी।' उन्होंने अब से पहले ऐसी किसी फाइल नोटिंग के बारे में भी अनभिज्ञता जताई।

वहीं आक्रामक रक्षा मंत्री ने विपक्ष के साथ साथ उक्त अखबार पर भी सवाल उठाया और कहा कि सचिव की नोटिंग दिखाकर उस वक्त के रक्षा मंत्री की नोटिंग को क्यों नहीं सार्वजनिक किया गया। दरअसल, उसी फाइल में मनोहर पर्रिकर ने किसी भी समानांतर वार्ता की अटकल को खारिज किया था।

उन्होंने उसी फाइल पर लिखा था- 'पीएमओ और फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय राफेल मामले की सिर्फ निगरानी कर रहा है। जिस समानांतर वार्ता की बात कही गई है, वह अति प्रतिक्रिया है। पीएमओ के मुख्य सचिव के साथ रक्षा सचिव मुद्दे को सुलझा सकते हैं।' एअरमार्शल सिन्हा ने भी ऐसी ही बात कही है। सीतारमण ने कहा कि विपक्ष बार बार झूठ बोलकर भ्रम पैदा करना चाहता है। यह देश के लिए भी घातक है।


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