राफेल से लेकर कर्जमाफी तक राहुल के आरोपों को जेटली ने बताया झूठ, कहा- सच ये है
अरुण जेटली कहते हैं कि राहुल के मामलों की तथ्यात्मक जानकारी नहीं है, वे सिर्फ झूठ बोल रहे हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लगातार आरोप लगा रहे राहुल गांधी की समझ और परख को भाजपा ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। दो दिन पहले जहां औपचारिक प्रेसवार्ता में राहुल के आठ आरोपों का जवाब दिया गया था और उसे झूठ साबित करने की कोशिश हुई थी। वहीं मंगलवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने तंज कसते हुए कहा- 'क्या विदूषक युवराज खुद को ही मात दे रहा है?'
उन्होंने कहा कि राहुल लगातार झूठ बोलते हैं और फिर उस झूठ को ही सच मानने लग जाते हैं। अपने ताजा फेसबुक पोस्ट में जेटली ने जहां राहुल गांधी पर हमला किया। जेटली ने चुनावी सभाओं और रैलियों में बोले जा रहे पांच झूठ का बिंदुवार जवाब देते हुए बताया कि किस तरह कांग्रेस अध्यक्ष बार-बार बोले गए अपने ही झूठ को सच मानने लगे हैं।
मध्यप्रदेश के चुनावी रैलियों में राहुल गांधी के भाषण का उदाहरण देते हुए जेटली ने कहा- 'उन्होंने कहा कि मैंने स्वीकार किया है कि संसद में विजय माल्या से मुलाकात की थी' और 'मैंने स्वीकार कर लिया है कि विजय माल्या ने लंदन भागने के बारे में मुझे बताया था और इसमें मैंने उसकी मदद की थी।' जबकि सच्चाई यह है कि मैं ने उसी वक्त साफ कर दिया था कि सरकार कोई मदद नहीं करेगी।
एक दूसरे चुनाव भाषण में राहुल गांधी ने दावा किया कि 'मैंने नीरव मोदी से भी संसद में मुलाकात की' और 'देश छोड़कर भागने में उसकी मदद' की बात स्वीकार कर ली है। जबकि सच्चाई यह है कि हमने नीरव मोदी को कभी आमने-सामने देखा तक नहीं है। राहुल गांधी के दावे की जांच संसद की आगंतुक पुस्तिका की जांच से की जा सकती है। वहीं विजय माल्या के सांसद के रूप में संसद को कोरिडोर में मिलने की जरूर कोशिश की थी।
राफेल सौदा
राफेल सौदा पर राहुल गांधी कहते हैं कि एक निजी व्यापारिक घराने को 38 हजार करोड़ रुपये से लेकर 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का लाभ मिला। राहुल आगे कहते हैं कि पहले जो चीज HAL के द्वारा बनाई जानी थी वो अब उसी निजी व्यापारिक घराने द्वारा बनाई जाएगी।
इस पर जेटली जवाब में लिखते हैं कि राफेल एयरक्राफ्ट और इसके हथियार न तो भारत में कहीं बनाए जा रहे हैं और न ही दासौ द्वारा या अन्य किसी निजी कंपनी द्वारा। सभी 36 राफेल विमान हथियारों से लैस सीधे उड़ान भरने की स्थिति में भारत पहुंचेंगे। जैसे ही विमानों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी, दासौ को सौदे की कुल लागत का 50 फीसदी की खरीद भारत में करनी पड़ेगी। यह यूपीए द्वारा बनाई 'मेक इन इंडिया' नीति के तहत पहले से तय है। अगर कुल डील 58 हजार करोड़ की है, तो उसका 50 फीसदी 29 हजार करोड़ हुआ। दासौ की ओर से इस रकम की आपूर्ति 120 ऑफसेट सप्लायर कंपनियों को होनी है, जिनमें से एक वो भी है, जिसका नाम (अनिल अंबानी) डील में उछाला जा रहा है। दासौ ने कहा भी है कि रिलायंस को कुल ऑफसेट का 3 फीसदी ही हिस्से में आएगा यानि कि करीब 1 हजार करोड़।
लोन माफी
कर्जमाफी पर जेटली राहुल का आरोप बयां करते हुए लिखते हैं, 'कई बार सुधार किए जाने के बावजूद भी वह (राहुल गांधी) जन्मजात की तरह NPA को लोन माफी के रूप में बता रहे हैं। इसके बाद उन्होंने एक झूठा नजरिया पेश किया कि प्रधानमंत्री ने अपने 15 दोस्तों के लोन माफ कर दिए हैं।' इसके बाद जवाब में जेटली लिखते हैं कि ये लोन यूपीए के शासनकाल में दिए गए थे। किसी का एक भी रुपया माफ नहीं किया गया है। जेटली लिखते हैं कि इनसोल्वेंसी और बैंकरप्सी कानून, 2016 के तहत डिफॉल्टर करने वाली सभी कंपनियों के प्रमोटर्स को हटा दिया गया है और बैंक कर्ज की रिकवरी कर रहे हैं।
मेक इन इंडिया
राहुल गांधी एक और बात जो लगातार सवाल की तरह रखते हैं कि आखिर क्यों भारत में मोबाइल नहीं बनाए जा सकते? जेटली लिखते हैं, 'मैं राहुल गांधी को कई बार सही जानकारी दे चुका हूं कि जब यूपीए सत्ता से बाहर हुई तो केवल दो मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थी। आज 120 यूनिट और ये संख्या बढ़ती रहेगी।'।
जेटली आगे लिखते हैं, 'इसके बाद राहुल गांधी ने अपना उदाहरण बदल लिया, अब राहुल गांधी लोगों से पूछते हैं कि आखिर क्यों जूते भारत में नहीं बनाए जा सकते?', राहुल को कितनी गलत जानकारी है, भारत जूतों के निर्माण में विश्व में दूसरे नंबर पर है। भारत फुटवियर एक्सपोर्ट में करीब 20 हजार करोड़ का सालाना व्यापार करता है।' इसके बाद जेटली राहुल गांधी को बहादुरगढ़ जाकर आने की सलाह देते हैं ताकि राहुल गांधी फुटवियर मार्केट के कंपीटीशन को समझ सकें।
जीएसटी
जीएसटी को लेकर राहुल गांधी कहते हैं की इसमें कमियां और इसे बदले जाने की जरूरत है। जेटली जवाब देते हैं कि भारत में जीएसटी को सबसे सफल तरीके से लागू किया गया है। पूरा देश अब एक मार्केट है, सभी चेक प्वाइंट्स को हटा दिया गया है, इंस्पेक्टर राज गायब हो गया है और आयकर की तरह जीएसटी रिटर्न भी ऑनलाइन फाइल की जाती हैं। सभी राज्य, जिसमें कि कांग्रेस शासित प्रदेश भी शामिल हैं, ने जीएसटी के इस मॉडल और रेट्स को मंजूरी दी हैं। पहले 13 महीनों में कांग्रेस के 31 फीसदी टैक्स को घटाकर 18 फीसदी किया गया है और 334 वस्तुओं पर 12 फीसदी हो गया है। इससे हमें महंगाई के बारे में भी जानकारी मिलती है। जेटली कहते हैं कि लगता है राहुल गांधी को इस बारे में जानकारी नहीं है।