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'केजरीवाल स्‍टाइल' में उपराज्यपाल किरण बेदी के घर के बाहर धरने पर बैठे नारायणसामी

उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सीएम नारायणसामी को डीएमके चीफ एमके स्टालिन का भी समर्थन मिल गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:50 AM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 08:17 PM (IST)
'केजरीवाल स्‍टाइल' में उपराज्यपाल किरण बेदी के घर के बाहर धरने पर बैठे नारायणसामी
'केजरीवाल स्‍टाइल' में उपराज्यपाल किरण बेदी के घर के बाहर धरने पर बैठे नारायणसामी

पुडुचेरी, एएनआइ। पुडुचेरी के मुख्‍यमंत्री वी. नारायणसामी और उपराज्‍यपाल किरण बेदी इन दिनों आमने-सामने हैं। उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास 'राज निवास' के गेट के सामने नारायणसामी और उनके कैबिनेट के सहयोगी धरने पर बैठ गए हैं। उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सीएम नारायणसामी को डीएमके चीफ एमके स्टालिन का भी समर्थन मिल गया है।

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पुडुचेरी की उपराज्‍यपाल किरण बेदी ने कहा, 'मुख्‍यमंत्री ने उन्‍हें 7 फरवरी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्‍होंने 36 मुद्दों की ओर ध्‍यान आकर्षित कराया था। इनमें से कुछ मुद्दे तो थे ही नहीं। मुझे मुख्‍यमंत्री का ये पत्र 8 फरवरी को मिला। अब बुधवार को सीएम नारायणसामी धरने पर यह कहते हुए बैठ गए हैं कि उनकी मांगों को लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया है।

इस पत्र में उन्‍होंने कहीं भी ये जिक्र नहीं किया था कि अगर जवाब नहीं दिया गया, तो वह 13 फरवरी को धरने पर बैठ जाएंगे। मैंने उन्‍हें पत्र के जवाब में बताया था कि मैं आज से टूर पर हूं और 20 फरवरी को लौटूंगी। इसलिए मैंने उन्‍हें मिलने के लिए 21 फरवरी सुबह 10 बजे का समय दिया था।'

पीडब्लूडी मंत्री ए नामासिवम ने कहा कि ऐसे समय में जब जनप्रतिनिधि अपनी मांगों पर उप राज्यपाल की मंजूरी के लिए धरने पर बैठे हैं। किरण बेदी के दिल्ली चले जाने से हैरानी हो रही है। इससे साबित होता है कि उन्हें लोकप्रिय सरकार की परवाह नहीं है। 

स्‍टालिन गुरुवार को नारायणसामी से मिले और उनके साथ खड़े होने की बात कही। दरअसल, सीएम नारायणसामी की मांग है कि मुफ्त चावल बांटने की योजना सहित 39 सरकारी प्रस्‍तावों को उपराज्‍यपाल मंजूरी दें, जिन्‍हें कथित तौर पर किरण बेदी ने लटकाया हुआ है। इन मांगों को लेकर मुख्‍यमंत्री समेत पूरा मंत्रिमंडल राज निवास के बारहर धरना दे रहा है। मुख्यमंत्री वी नारायणसी ने ट्वीट कर कहा है कि कई मुद्दों को लेकर यह धरना दिया जा रहा है। इसमें हेल्मेट अनिवार्य किए जाने का फैसला भी शामिल है।

किरण बेदी ने पत्र में लिखा...
'आपको अपने पत्र का जवाब मिलने का इंतजार करना चाहिए था लेकिन आप गैरकानूनी तरीके से राज निवास में जवाब मांगने चले आए। आप जिस पद पर हैं, उसके लिए यह तरीका सही नहीं है। आपने पत्र में जो भी मुद्दे लिखे हैं, उनपर विचार करने के बाद जवाब दिया जा सकता है। आपने यह भी जिक्र नहीं किया था कि अगर आपको जवाब नहीं मिलता है तो आप अपने साथियों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि 21 फरवरी को विस्तृत चर्चा के लिए आइए।'

मुख्‍यमंत्री का ट्वीट और मांग
मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट किया है, 'उप-राज्यपाल के सामने 39 मुद्दे उठाए गए हैं और उन्हें तत्काल हल करने की मांग की गई है। क्षेत्र के विकास और लोगों के लिए जरूरी इन मुद्दों पर अबतक कोई जवाब नहीं मिला है, ऐसे में मैं, मेरे मंत्री और विधायक राज निवास के सामने पुडुचेरी के लोगों के लिए धरने पर बैठे हैं।' किरण बेदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और उनकी सरकार की मांग है कि केंद्र सरकार किरण बेदी को वापस बुलाए। मुख्यमंत्री पुडुचेरी में हेल्मेट संबंधी नियमों को लागू किए जाने के तरीके का विरोध कर रहे हैं और केंद्र सरकार से उनकी मांग है कि इस फैसले को भी वापस लिया जाए।

भाजपा नेता ने चुनावी धरना बताया 
वहीं, कोयंबटूर में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता पी राधाकृष्णन ने नारायणसामी के धरने पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव के समय इस तरह के धरने होते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह धरनों से यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि चुनाव होने वाले हैं। धरने में द्रमुक के शामिल होने के सवाल पर भाजपा नेता ने उसकी तुलना प्रवासी ऑस्ट्रेलियाई पक्षियों से की, जो एक खास मौसम में भारत आती हैं और फिर वापस अपने देश लौट जाती हैं। 


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