Single Use Plastic के खिलाफ जनजागरण अभियान, पर्यावरण मंत्रालय ने दिया ये संदेश
Single Use Plastic के प्रतिबंध को लेकर कोई नया आदेश लागू नहीं किया जा रहा है। बल्कि मौजूदा प्रावधानों को ही लागू करने के लिए राज्यों से कहा जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सिंगिल यूज प्लास्टिक को लेकर छिड़ी तरह-तरह की चर्चाओं व अफवाहों के बीच स्वच्छ भारत मिशन तथा पर्यावरण मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया। उसका कहना है कि सिंगिल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध अभियान का मकसद इस पर प्रतिबंध लगाना नहीं, बल्कि इसके उपयोग के खिलाफ जनता को जागरूक बनाकर इसके लिए हतोत्साहित करना है। यह रोक स्वत: प्रभावित होगा।
इस संबंध में स्वच्छ भारत मिशन ने ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया है। इसमें उसने कहा है कि, '11 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ किए गए स्वच्छता ही सेवा अभियान का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना नहीं, बल्कि इसके खिलाफ लोगों में जागरूकता पैदा करना तथा इसके उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए जन आंदोलन खड़ा करना है।'
इसे और स्पष्ट करते हुए मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'प्लास्टिक थैलों, प्लेट, छोटी बोतलों, स्ट्रॉ तथा कुछ प्रकार के सैशे पर तत्काल प्रतिबंध लगाने को सरकार का कोई इरादा नहीं है। इसके बजाय सरकार इनके उपयोग पर अंकुश लगाने का प्रयास करेगी।'
मौजूदा प्रावधानों को ही लागू किया गया
दरअसल, इस तरह की खबरें आने लगी थीं कि सरकार ने रोक को टाल दिया है और इसका कारण आर्थिक सुस्ती बताया जा रहा था। एक अधिकारी के अनुसार प्लास्टिक के प्रतिबंध को लेकर कोई नया आदेश लागू नहीं किया जा रहा है। बल्कि मौजूदा प्रावधानों को ही लागू करने के लिए राज्यों से कहा जाएगा। राज्य सरकारें पहले भी पॉलीथीन के थैलों, स्टायरोफोम जैसे सिंगल यूज प्लास्टिक के चुनिंदा आइटमों के संग्रह, उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने का कार्य करती रही हैं। पूरे देश में एक साथ प्रतिबंध लगाने का केंद्र सरकार का कोई इरादा नहीं है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं भी स्पष्ट कर चुके हैं कि बात केवल सिंगिल यूज प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित किए जाने की है। इसके बावजूद इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।