PM Modi Swearing Ceremony: तेजस्वी सूर्या को नहीं मिली मोदी मंत्रिमंडल में जगह
तेजस्वी सूर्या की तारीफ प्रधानमंत्री कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आप तो तेजस्वी अर्थात सूर्य के समान हैं। उनके कैबिनेट में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दक्षिणी बेंगलुरु लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता बीके हरिप्रसाद को हराकर संसद पहुंचने वाले तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के रहने वाले हैं। वह बासवांगुडी विधानसभा से विधायक एल.ए. रविसुब्रमण्यन के भतीजे हैं। सूर्या बीजेपी के साथ ही आरएसएस से भी जुड़े हुए हैं। उनके कैबिनेट में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे।
वह पेशे से वकील हैं और उन्होंने बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से पढ़ाई की है। वह कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। सूर्या बीजेपी युवा मोर्चा कर्नाटक के प्रदेश महासचिव हैं। वह अखिल भारतीय विद्यार्धी परिषद के सचिव भी रह चुके हैं। सूर्या ने 2008 में एक एनजीओ भी खोला था जिसका नाम “Arise India” है। वह कई वेबसाइट्स के लिए लिखते भी हैं।
सोशल मीडिया पर लोकप्रिय और शानदार वक्ता
तेजस्वी सूर्या की सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ है। तेजस्वी सूर्या के फेसबुक पर 66 हजार से ज्यादा और ट्विटर पर 72 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। सूर्या नेशनल सोशल मीडिया कैंपेन टीम 2019 के सदस्य भी हैं। 2014 में भी सूर्या काफी लोकप्रिय थे और उन्होंने पुणे, चेन्नई और मुंबई में कई रैलियां की थीं। बीजेपी प्रवक्ता एन रवि कुमार कहते हैं, "उन्हें इसलिए चुना गया क्योंकि वो युवा हैं, बहुत सक्रिय रहते हैं। नेटवर्किंग में माहिर माने जाने वाले तेजस्वी लोगों के बीच एक प्रखर वक्ता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं। कहा गया कि तेजस्वी के जोरदार भाषण ने ही उन्हें भाजपा का हीरो बनाया है।
दक्षिण भारत में भाजपा का चेहरा
पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि तेजस्वी का चयन बहुत सोच समझकर भविष्य की राजनीति को ध्यान रखते हुए किया गया है। दक्षिण भारत में भाजपा के पास वैसे भी नेताओं का सूखा रहा है। कर्नाटक में भी पार्टी के पास येदियुरप्पा के रूप में लिंगायत नेता तो जरूर है, लेकिन देवेगौड़ा की टक्कर का कोई वोक्कालिगा नेता वह आज तक तैयार नहीं कर पाई है। पूरे दक्षिण भारत पर प्रभाव रखने वाला कोई नेता तो भाजपा के पास वैसे भी नहीं है। तेजस्वी युवा हैं। अंग्रेजी और कन्नड़ के अच्छे वक्ता हैं। 2014 में पत्रकार प्रकाश सिंह को मैसूर से इसी प्रकार अचानक टिकट देकर राजनीति में लाया गया था। वह वोक्कालिगा समुदाय से हैं और संघ से भी जुड़े रहे हैं। तेजस्वी सूर्या भी संघ की पसंद बताए जा रहे हैं। पार्टी उनके वक्तव्य कौशल का उपयोग कर्नाटक के अलावा भी युवाओं के बीच कर सकती है। वह मुद्दों की समझ रखते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी से मिल चुकी है तारीफ
तेजस्वी सूर्या की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने उनकी तारीफ में कहा था कि आप तो तेजस्वी अर्थात सूर्य के समान हैं। सूर्या, अनंत कुमार को अपना गुरु मानते हैं। टिकट मिलने के बाद उन्होंने कहा था कि अनंत कुमार मेरे राजनीतिक गुरु हैं। उन्होंने मुझे अपने हाई स्कूल के दिनों से बड़े होते देखा है। मैंने उन्हें सुनकर, उन्हें काम करते देखकर उनसे बहुत कुछ सीखा है। वह कर्नाटक के अब तक के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। मैं उनका सदा आभारी हूं। भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री एचएन अनंत कुमार छह बार दक्षिणी बेंगलुरु सांसद रहे थे, जिनका पिछले वर्ष देहांत हो गया। इस सीट की दावेदार नेता अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी भी थीं, लेकिन पार्टी ने तेजस्वी को टिकट दिया और उन्होंने चुनाव जीतकर पार्टी के फैसले को सही भी साबित किया।
विवादित बयानों को लेकर भी चर्चा में आए
भाजपा के युवा चेहरा अपने विवादित बयानों को लेकर भी चर्चा में आ चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि यदि आप नरेंद्र मोदी के साथ हैं तो इंडिया के साथ हैं। यदि आप प्रधानमंत्री के साथ नहीं तो आप एंटी इंडियन हैं।
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