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राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में कहा- राष्ट्र निर्माण में विश्वभारती की अहम भूमिका

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं शांतिनिकेतन को तीर्थस्थल इसलिए कहता हूं क्योंकि आधुनिक भारत की नींव रखने वाले रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी अक्सर यहां मिलते थे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 10:56 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 11:47 PM (IST)
राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में कहा- राष्ट्र निर्माण में विश्वभारती की अहम भूमिका
राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में कहा- राष्ट्र निर्माण में विश्वभारती की अहम भूमिका

जागरण संवाददाता, कोलकाता। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में कहा कि शांतिनिकेतन में आना उनका सौभाग्य है। यह उन महान जगहों में से एक है, जहां भारत को परिभाषित करने वाले हमारे सभ्यतागत मूल्यों को फिर से परिभाषित किया गया है। यह वह स्थान है, जो हमारे राष्ट्रीय जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है। राष्ट्र निर्माण में भी विश्वभारती विश्वविद्यालय की अहम भूमिका रही है। इस अवसर पर बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी उपस्थित रहे। कोविंद अमरकुंज में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे।

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रवींद्रनाथ टैगोर को नमन करता हूं- राष्ट्रपति

इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मैं यहां केवल परिदर्शक बनकर नहीं बल्कि ज्ञान के लिए आता हूं। मैं यहां एक विनम्र तीर्थयात्री और एक साधक के रूप में आता हूं। मैं सीखने और जीने में प्रयोगों की इस महान जगह के संस्थापक को नमन करता हूं।

राष्ट्रपति ने शांतिनिकेतन को बताया तीर्थस्थल

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मैं शांतिनिकेतन को तीर्थस्थल इसलिए कहता हूं, क्योंकि आधुनिक भारत की नींव रखने वाले दो सबसे बड़े लोग रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी, अक्सर यहां मिलते थे।

कुलपति ने राष्ट्रपति को प्रदान किया सप्तपर्णी

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने स्मारक चिह्न के तौर पर राष्ट्रपति को सादगी और विनम्रता का प्रतीक सप्तपर्णी (छातिम वृक्ष के सात पत्ते) प्रदान किया। विद्युत ने कहा कि इस दीक्षांत समारोह में पीएचडी, स्नातकोत्तर और स्नातक समेत अन्य को मिलाकर कुल 4,750 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। इसके अलावा सभी छात्रों को सप्तपर्णी दिया गया।

राष्ट्रपति विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में हुए शामिल

गौरतलब है कि राष्ट्रपति कोविंद रविवार को इस समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दुर्गापुर में उनका स्वागत किया था। वहां से राष्ट्रपति और राज्यपाल भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर से विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे।

पिछले वर्ष पीएम मोदी ने भाग लिया था

उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में भाग लिया था।


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