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Republic Day Address: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी नसीहत, हिंसा से नहीं मिलता कोई लक्ष्य

Republic Day Eve Address राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के लोगों खासकर युवाओं को नसीहत दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 05:29 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:06 AM (IST)
Republic Day Address: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी नसीहत, हिंसा से नहीं मिलता कोई लक्ष्य
Republic Day Address: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी नसीहत, हिंसा से नहीं मिलता कोई लक्ष्य

नई दिल्ली, एजेंसियां। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मचे बवाल के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के लोगों, खासकर युवाओं को नसीहत दी है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि किसी मुद्दे को लेकर आंदोलन में अहिंसा के रास्ते पर चलना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा से कभी कोई लक्ष्य हासिल नहीं होता।

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अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए

हालांकि, शनिवार को शाम 7 बजे राष्ट्रपति कोविंद ने देशवासियों को संबोधित करते हुए सीएए का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि संविधान के मुताबिक धरना, प्रदर्शन और आंदोलन करने का सबको हक है। संविधान के मुताबिक चलकर ही सामाजिक और आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। किसी भी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को, गांधीजी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए, जो कि मानवता को उनका अमूल्य उपहार है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब की जिम्मेदारी भी तय है कि हम न्याय, स्वतंत्रता व समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदशरें के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता एवं प्रतिपक्ष दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजनीतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ, देश के समग्र विकास और सभी देशवासियों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुलकर आगे बढ़ना चाहिए।

मौजूदा दशक युवाओं का

राष्ट्रपति ने युवाओं की तारीफ करते हुए कहा कि इस शताब्दी में जन्मे युवा, बढ़-चढ़ कर, राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। मुझे, इन युवाओं में, एक उभरते हुए नए भारत की झलक दिखाई देती है। 21वीं सदी का तीसरा दशक युवाओं का होगा। राष्ट्र निर्माण के लिए, महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं. सत्य और अहिंसा का उनका संदेश हमारे आज के समय में और भी अधिक आवश्यक हो गया है।

अभियान को लोगों ने जन आंदोलन बनाया

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मोदी सरकार ने जनकल्याण के लिए कई अभियान चलाएं। आम लोगों ने इन अभियानों में भाग लेकर उन्हें जन आंदोलन का रूप दिया है। आम लोगों की भागीदारी के कारण 'स्वच्छ भारत अभियान' को बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता मिली है। 'प्रधानमंत्री उज्जवला योजना' के तहत आठ करोड़ लाभार्थियों तक साफ ईंधन पहुंचा है। इसके तहत इन लाभार्थियों को रसोई गैस दिए गए हैं। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और आयुष्मान भारत योजना के जरिए जरूरतमंद लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई गई हैं। 14 करोड़ से अधिक किसानों को 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' का लाभ मिला है। इससे हमारे अन्नदाता प्रति वर्ष छह हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं।

जीएसटी की भी सराहना की

मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे 'एक देश, एक कर, एक बाजार' की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ 'ई-नाम' योजना द्वारा भी 'एक राष्ट्र के लिए एक बाजार' बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा।

देश के विकास के लिए सतत प्रयासरत

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश के हर हिस्से के संपूर्ण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। चाहे वह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हों या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप-समूह हों। देश के विकास के लिए एक सुदृढ़ आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का होना भी जरूरी है। इसीलिए सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं।

राष्ट्रपति ने शिक्षा पर दिया जोर

राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में हमारी कई उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी बच्चा अथवा युवा, शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है।

लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया और मतदाता देश के गौरव

इससे पहले 10 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि हमारा लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया और मतदाता देश का गौरव हैं। अपने संबोधिन में उन्‍होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र, हमारी चुनावी प्रक्रिया और मतदाता हमारा गौरव है। मतदाताओं की भागीदारी से लोकतंत्र मजबूत होता है। 

कई नागरिक मतदान का महत्‍व नहीं समझते 

राष्‍ट्रपति ने कहा कि मेरी यूरोप यात्रा के दौरान स्विट्जरलैंड और आइसलैंड जैसे विभिन्न देश हमारे लोकतंत्र और चुनाव प्रणाली से प्रभावित थे। आम चुनावों में लोगों की भागीदारी ने लोकतंत्र में विश्वास को बरकरार रखा है। हालांकि, आज भी कई ऐसे नागरिक हैं जो मतदान के महत्व को नहीं समझते हैं। राष्ट्रीय मतदाता दिवस राज्यों, जिलों और मतदान कार्यालयों में भी मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी उपस्थित थे।  

राष्‍ट्र के नाम संबोधन की खास बातें-

- 14 करोड़ लोगों को पीएम किसान निधि का लाभ मिला

- जनकल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई गईं

- उज्जवला योजना के तहत जरूरतमंद लोगों तक साफ ईंधन पहुंचा

- स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र पर ध्यान दिया गया

- जीएसटी से एक देश, एक कर, एक बाजार की अवधारणा साकार हुई


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