Narendra modi Xi Jinping meeting in Chennai : आतंकवाद-टेरर फंडिंग को करारा जवाब देने की तैयारी
Narendra modi Xi Jinping meeting in Chennai चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पीएम मोदी के बीच मुलाकात के दौरान आतंकवाद टेरर फंडिंग और आतंकियों की मदद करने वालों के खिलाफ वार होगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। Narendra modi Xi Jinping meeting in Chennai, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 अक्टूबर को भारत दौरे पर आएंगे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत और चीन के बीच दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए 11-12 अक्टूबर को चेन्नई जाएंगे। इस सम्मेलन के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी और शी चिनफिंग की इस ऐतिहासिक मुलाकात में आतंकवाद और टेरर फंडिंग पर वार करने की तैयारी हो रही है।चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी की बातचीत के दौरान आतंकवाद, आतंकी फंडिंग के खिलाफ एक राय बन सकती है।
इमरान का चीन दौरे से भारत चिंतित नहीं
वहीं भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की चीन यात्रा को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा से आगे नहीं देखा है। यह भारत के लिए चिंता की बात नहीं है। चीन सहित सभी देशों को स्पष्ट और स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अनुच्छेद 370 का हनन पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। इस मुद्दे पर चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है।
इससे पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की 27-28 अप्रैल 2018 को चीन के वुहान में पहली अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी। चेन्नई में होने जा रही यह दूसरी अनौपचारिक शिखर मुलाकात है। इस शिखर सम्मेलम में दोनों देश द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, वैश्विक मुद्दों पर चर्चा जारी रखने और भारत-चीन क्लोजर डेवलपमेंट पार्टनरशिप को गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगा।
बैठक में इन बिंदुओं पर होगा फोकस
सूत्रों की ओर से जानकारी दी गई है कि पीएम नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति के साथ वन-टू-वन और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। उनके बीच बैठक का कोई विशेष एजेंडा नहीं है। बैठक का फोकस भारत और चीन के लोगों के बीच संपर्क और भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने पर होगा। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अगले विशेष प्रतिनिधि वार्ता की तारीखें तय होने की भी संभावना है।
दौरे पर नहीं होगा कोई समझौता
सूत्रों की ओर से जानकारी दी गई है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान भारत और चीन के बीच कोई समझौता नहीं होगा। इस दौरान किसी भी समझौता ज्ञापन(MoU) और संयुक्त विज्ञप्ति के साइन किए जाने की उम्मीद नहीं है। बता दें, भारत और चीन की यह एक अनौपचारिक बैठक है। सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि राष्ट्रपति चिनफिंग के भारत दौरे पर उनके साथ चीनी विदेश मंत्री और पोलित ब्यूरो सदस्य भी साथ आएंगे।
इससे पहले पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात की जगह बताई गई थी। बता दें, तमिलनाडु के ऐतिहासिक महाबलीपुरम शहर में मोदी और चिनफिंग की मुलाकात होगी। पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात महाबलीपुरम में होना इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि इस शहर का चीन से गहरा नाता रहा है।
कश्मीर मसले पर चीन का बदला रुख
राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे से ठीक पहले चीन की ओर से कश्मीर मसले पर बड़ा बयान सामने आया है। चीन, जिसने पहले कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का साथ दिया था। अब चीन ने अपना रुख बदल दिया है। कश्मीर मुद्दे पर चीन ने अपना रुख साफ करते हुए पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। चीन ने कहा है कि कश्मीर मसले को भारत पाकिस्तान को बातचीत के लिए सुलझाना चाहिए।
चीन का यह बयान पाकिस्तान को बड़ा झटका है। चीन की ओर से कश्मीर पर यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री चिनफिंग से मुलाकात के लिए मंगलवार को बीजिंग पहुंचे हैं। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा भी चीन पहुंचे हैं।
इस लिहाज से महाबलीपुरम में होने वाली पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात काफी अहम हो जाती है। अब सबकी नजरें पीएम मोदी और चिनफिंग की इसी मुलाकात पर टिकी हैं।
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