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President Election 2022: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बताया कैसा होना चाहिए देश का राष्ट्रपति

संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करने गए थे। इस दौरान उन्होंने सांसदों और विधायकों से वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह संख्या बल की नहीं विचारधारा की लड़ाई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 09:05 PM (IST)
President Election 2022: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बताया कैसा होना चाहिए देश का राष्ट्रपति
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने छत्तीसगढ़ के सांसद-विधायकों से की वोट की अपील

रायपुर। राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के सांसदों विधायकों से वोट मांगने शुक्रवार को यहां पहुंचे संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति ऐसा हो जो संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए प्रधानमंत्री को सलाह दे सके। इसका मतलब यह नहीं है कि टकराव हो, लेकिन राष्ट्रपति को संविधान की रक्षा करनी चाहिए। सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है। इसमें व्हिप लागू नहीं होता। सभी को अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करना चाहिए।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति पद की बहुत गरिमा होती है। अच्छा होता कि सब एक राय होकर किसी को एक चुन लेते। सत्ता पक्ष की ओर से पहल नहीं की गई। विपक्ष की ओर से मेरे नाम की घोषणा के बाद सत्ता पक्ष की ओर से भी प्रत्याशी का एलान कर दिया गया। यह संख्या बल की नहीं विचारधारा की लड़ाई है।

केंद्र सरकार टकराव की राजनीति कर रही

केंद्र सरकार हर जगह टकराव की राजनीति कर रही है। एक प्रश्न के उत्तर में सिन्हा ने कहा कि धारा 124 (राजद्रोह) अंग्रेजों के जमाने का कानून है। राष्ट्रपति किसी कानून को खत्म नहीं कर सकता, सलाह दे सकता है। मेरी प्राथमिकता संविधान का पालन करना है। अग्निपथ योजना पर सिन्हा ने कहा कि इसे लागू करने से पहले सरकार को पर्याप्त विचार-विमर्श करना चाहिए।

आडवाणी को फोन किया था फोन

सिन्हा ने कहा कि भाजपा वह पार्टी नहीं रही, जिसका मैं सदस्य था। बाजपेयी और आडवाणी की भाजपा में पहले दल के भीतर फिर दल के बाहर सहमति बनाई जाती थी। विपक्षी दलों से चर्चा की जाती थी। इस भाजपा में ऐसा नहीं है। आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के समर्थन पर उन्होंने कहा कि आडवाणी को फोन किया था। उनकी बेटी ने बताया कि वे बीमारी के डर की वजह से किसी से नहीं मिल रहे हैं। जोशी से मेरी बात नहीं हुई, लेकिन करूंगा।

अच्छा और बेहतर में फर्क होता है

नीलिमा सिन्हा (सिन्हा की पत्नी) ने एनडीए की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू को अच्छा उम्मीदवार बताया है। इस प्रश्न पर सिन्हा ने कहा कि मैं भी उन्हें अच्छा मानता हूं, लेकिन अच्छा और बेहतर में फर्क होता है। मुर्मू के आदिवासी होने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यहां सवाल पहचान का नहीं विचारधारा का है। उन्होंने कहा कि वे 60 साल पहले अपनी बारात लेकर भिलाई आए थे इसलिए छत्तीसगढ़ से उनका विशेष लगाव है।


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