COVID19: प्रवासी मजदूरों के लिए प्रीति सूदन का राज्यों से आग्रह, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हो पालन
प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने को कहा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन (Preeti Sudan) ने गुरुवार को सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूरों पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने अपने पत्र में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की शिकायतों के निवारण को लेकर निर्देश जारी किया था।
कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रवासी मजदूरों के पलायन से देश में हंगामा हो गया। पूरी तरह लॉकडाउन के बाद इन मजदूरों ने अपने पैतृक स्थानों पर जाने का फैसला ले लिया और पैदल ही निकल पड़े।
कोरोना वायरस को लेकर फैले संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से देश भर में लॉकडाउन लागू कर दिया। यातायात पर भी पूर्ण प्रतिबंध है। इस बीच प्रवासी कामगार व दिहाड़ी मजदूरों पर संकट आ गया और ये पैदल ही अपने पैतृक गांवों की ओर भूखे-प्यासे चल पड़े। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के तहत मजदूरों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए सुनवाई हुई। वकील एए श्रीवास्तव ने मजदूरों के लिए याचिका दायर की।
चीफ जस्टिस की अगुवाई में पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। पलायन कर रहे अप्रवासी मजदूरों के लिए बुनियादी जरूरतों और स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराए जाने की मांग वाली याचिका पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य की सीमा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि शेल्टर होम में रखे गए प्रवासी मजदूरों को पर्याप्त भोजन पानी और चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं साथ ही उनकी काउंसलिंग का इंतजाम भी किया जाए।
चीन के वुहान शहर से वर्ष 2019 के दिसंबर माह में शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया के 205 देशों को अपने चपेट में ले चुका है।