बेटी शर्मिष्ठा को भी अखर गया प्रणब दा का नागपुर जाना, अहमद पटेल ने कहा, 'यह उम्मीद नहीं थी'
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता भाजपा और संघ को झूठी कहानियां गढ़ने का मौका देने गए हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। देश की निगाहें भले ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में होने वाले भाषण पर टिकी हों, लेकिन अब भी कांग्रेसियों का नसीहत और उनकी आलोचना करने का सिलसिला थमा नहीं है। इस क्रम में अब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल भी कूद गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, प्रणब दा से ऐसी उम्मीद नहीं थी। पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा को भी पिता का संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नागपुर जाना पसंद नहीं आया। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर में होने वाले संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह के लिए प्रणब दा को बतौर मुख्य अतिथि निमंत्रण मिला है। इस निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद कांग्रेसियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
बोली शर्मिष्ठा: पिता ने बेवजह भाजपा व संघ को झूठी कहानियां गढ़ने का मौका दिया
कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि उनके पिता भाजपा और संघ को झूठी कहानियां गढ़ने का मौका देने गए हैं। उन्होंने कहा कि उनका भाषण तो भुला दिया जाएगा, लेकिन तस्वीरें संभाल कर रखी जाएंगी। उन्होंने अपने पिता को इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेने के परिणामों के बारे में सचेत भी किया है।
कांग्रेस आलाकमान ने इस पूरे मामले में किया किनारा
हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने इस पूरे मामले में यह कहते हुए किनारा कर लिया था कि यह प्रणब दा का निजी मामला है और पार्टी का इससे काई लेना देना नहीं है। लेकिन आलाकमान के इस टिप्पणी के बाद भी कांग्रेसियों ने प्रणब दा की यात्रा का विरोध करना नहीं छोड़ा। कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वड़क्कन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि फिलहाल इस मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इस कार्यक्रम को होने दीजिये। उसके बाद हम कुछ कह सकेंगे।
पूर्व कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने इसे अटपटा करार दिया
पार्टी के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने इसे ‘अटपटा’ करार देते हुए मुखर्जी के इस कदम पर सवाल खड़े कर दिए थे। दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए मुखर्जी हमेशा आरएसएस के विचारों के खिलाफ रहे तो आखिर वह इस संगठन के कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं। भाजपा ने मुखर्जी का बचाव किया कि आरएसएस कोई पाकिस्तान का आईएसआई नहीं है। यह राष्ट्रवादियों का संगठन है।
दीक्षित का कहना है कि प्रणब के संघ के बारे में लगभग वही विचार रहे हैं जो कांग्रेस के रहे हैं कि आरएसएस एक फासीवादी संगठन है। आरएसएस की मूल विचाराधारा ही कांग्रेस के खिलाफ है। मुझे यह अटपटा लग रहा है कि आखिर वह उनके कार्यक्रम में क्यों शामिल होने जा रहे हैं? यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार किया है तो पूर्व सांसद दीक्षित ने कहा, ‘‘मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि पार्टी को बुरा जरूर लगा होगा।
इंदिरा गांधी के बेहद करीबी सीके जाफर ने की निंदा
वहीं कभी इंदिरा गांधी के बेहद करीबी रहे सीके जाफर ने ये भी कहा था कि हमारी पार्टी जो कि हमेशा से सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ खड़ी रही है उसके सदस्यों ने जब से सुना है कि आप (प्रणब दा) आरएसएस के कार्यक्रम में जाएंगे वो सभी हैरान हैं और इस पर अपना विरोध प्रकट किया था।
बोले प्रणब, नागपुर में सबका देंगे जवाब
हालांकि, प्रणब दा इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कह चुके हैं कि उन्हें जो भी बोलना है, वह उसे नागपुर में बोलेंगे। पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि इस दौरान उनके पास कई लोगों के फोन आए, चिट्ठियां आईं, लेकिन उन्होंने किसी को जवाब नहीं दिया। अब वह सीधे नागपुर में ही अपनी बात रखेंगे।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यक्रम में शिरकत करने नागपुर पहुंचे हैं। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत से कई बार मुलाकातों से सियासी पारा गरम है। इसे लेकर जहां संघ उत्साहित है, वहीं कांग्रेसी खेमे में बेचैनी है। अब पूरे देश की निगाहें इस पर टिकी हैं कि प्रणब दा बतौर मुख्य अतिथि अपने भाषण में क्या कहेंगे। तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की नजर भी उन पर टिकी है। इसकी बड़ी वजह यह है कि कांग्रेस के नेता रहते हुए प्रणब ने हमेशा संघ की आलोचना की है। इस लिहाज से लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है कि गुरुवार को होने वाले समारोह में वह संघ के कार्यकर्ताओं को क्या संदेश देंगे।
नागपुर पहुंचने पर प्रणब दा का भव्य स्वागत
उधर, बुधवार को प्रणब दा के नागपुर पहुंचते ही बड़ी संख्या में संघ कार्यकर्ताओं ने उनका फूलों के गुलदस्तों से स्वागत किया। नागपुर एयरपोर्ट पर संघ के सर कार्यवाह वी. भोगैय्या और नागपुर शहर इकाई के अध्यक्ष राजेश लोया ने उनकी अगवानी की। कार्यक्रम के मुताबिक गुरुवार की शाम वह संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण कोर्स के समापन समारोह में भाषण देंगे। वह गुरुवार शाम को 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक संघ मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। संघ के इस दीक्षांत समारोह में प्रणब मुखर्जी समेत 4 लोग मंच पर होंगे। इनमें मोहन भागवत और आरएसएस के दो अन्य सीनियर अधिकारी भी शामिल होंगे। प्रणब मुखर्जी करीब आधे की घंटे की स्पीच देंगे।
संघ के सूत्रों के मुताबिक, रात में आठ बजे समारोह खत्म होने के बाद उनसे रात्रि भोजन की गुजारिश की गई है। संघ का न्योता स्वीकार करने के बाद से ही प्रणब विवादों में घिर गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति के इस कदम के कई राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।