प्रकाशराज ने माना कि सुब्रमण्यम स्वामी ने उनके छक्के छुड़ाए
फिल्मी पर्दे पर अपनी दमदार खलनायकी से असर दिखाने वाले टीवी पर बहस के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी के तर्कों का सामना करने में बिल्कुल लाचार नजर आए।
नई दिल्ली, जेएनएन । कर्नाटक चुनाव के सिलसिले में एक टीवी चैनल के सार्वजनिक कार्यक्रम में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के साथ बहस करने पहुंचे अभिनेता प्रकाश राज को इतनी बुरी तरह मात खानी पड़ी कि खुद उन्हें यह मानना पड़ा कि उन्होंने सबक सीख लिया। इस कार्यक्रम के अगले दिन उन्होंने ट्वीट कर कहा, “सबक सीख लिया। मैं स्मार्ट और पहले से तैयारी करके आए सुब्रमण्यम स्वामी के आगे अपनी बात सही तरह नहीं रख सका। मैं सीख रहा हूं। मैं पार पा लूंगा और ऐसे आघात मुझे तराशने का काम करेंगे।“ इसी के साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि समावेशी भारत के लिए लड़ाई लडऩे का इरादा और मजबूत होगा।
फिल्मी पर्दे पर अपनी दमदार खलनायकी से असर दिखाने वाले टीवी पर बहस के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी के तर्कों का सामना करने में बिल्कुल लाचार नजर आए। एक वक्त वह बेबस से होकर यह कहते हुए नजर आए, कुछ भी..कुछ भी। वह यह भी कह गए कि अगर कल को पश्चिम एशिया के देश खुद को मुस्लिम देश घोषित कर दें तो क्या होगा? इस हास्यास्पद तर्क पर उनकी हंसी उड़ी।
उन्होंने जब कहा कि वह नेताओं को जवाबदेह बनाने के लिए सवाल उठा रहे हैं तो स्वामी ने पलटवार किया कि वह ऐसा भारत में ही कर सकते हैं, पाकिस्तान में नहीं। इस पर प्रकाशराज यह शिकायत करने लगे कि आप लोगों से कोई सवाल पूछो तो पाकिस्तान चले जाने को कहा जाता है। स्वामी ने प्रकाशराज को न केवल टोका, बल्कि यह भी कहा कि वह उनको पाकिस्तान जाने को नहीं कर रहे और सच तो यह है कि वह शायद उन्हें लेगा भी नहीं, क्योंकि वह आपसे तालमेल ही नहीं बैठा पाएगा।
प्रकाशराज इस सवाल का भी ढंग से जवाब नहीं दे सके कि जब वह उस मंच पर थे जिससे उमर खालिद, जिग्नेश मेवानी आदि ने बुरहान वानी का महिमामंडन किया तब उन्होंने उनकी आलोचना क्यों नहीं की?
ज्ञात हो कि प्रकाशराज भाजपा और संघ के प्रबल आलोचक के तौर पर उभरे हैं। वह हिंदुत्ववादी संगठनों के भी कटु आलोचक हैं। हाल में उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने जबसे मोदी की आलोचना शुरू की है, उन्हें बालीवुड में काम मिलना बंद हो गया है। हालांकि सोशल मीडिया पर यह कहते हुए उनके इस दावे को खारिज किया जा रहा है कि बालीवुड में मोदी विरोधी लोगों की कमी नहीं। कुछ तो अनुराग कश्यप से यह अपील भी कर रहे हैं कि वह प्रकाशराज को कोई काम दें।