राज्यसभा में श्रम सुधार विधेयक पर चर्चा से दूर रहा विपक्ष, प्रकाश जावड़ेकर ने जमकर साधा निशाना
आज राज्यसभा में श्रम सुधार से जुड़े तीन विधेयकों पर चर्चा हुई जिसमें व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता 2020 औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 शामिल हैं। बाद में इस बिल को सदन की मंजूरी मिल गई।
नई दिल्ली, एएनआइ। राज्यसभा में आज श्रम सुधार विधेयक पर चर्चा हुई। इसके बाद राज्यसभा से भी आज श्रम सुधार विधेयक को पास कर दिया गया। लेकिन विपक्षी पार्टियों के सांसद राज्यसभा में आज श्रम सुधार विधेयक पर चर्चा से नदारद रहे। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि श्रम सुधार विधेयक पर चर्चा से विपक्षी सदस्यों की दूरी, जो पचास करोड़ मजदूरों को वेतन, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा का आश्वासन देती है यह दर्शाता है कि विपक्ष, आम जनता के मुद्दों से कितना दूर है।
केंद्रीय मंत्री ने यह बातें श्रम सुधार से जुड़े तीन विधेयकों पर चर्चा के दौरान की, जिसमें व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता, 2020, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 पर बहस हुई।
बाद में श्रम सुधार से जुड़े तीनों विधेयकों को राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया। जावड़ेकर ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद, मजदूरों को वह अधिकार मिल रहा है जिसकी वे प्रतीक्षा कर रहे थे। विधेयकों ने मजदूरी, सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दी है। जब 50 करोड़ मजदूरों को मजदूरी सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा का आश्वासन देने वाला विधेयक लाया गया है, तो विपक्ष अनुपस्थित है, क्योंकि वे जनता से दूर हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार को इन ऐतिहासिक विधेयकों को लाने के लिए बधाई दी। राज्य मंत्री (MoS) सामाजिक न्याय और अधिकारिता रामदास अठावले ने भी तीन विधेयकों का समर्थन किया और गंगवार को धन्यवाद दिया।
राज्यसभा ने आज इससे पहले क्वालिफाइड फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स बिल, 2020 के द्विपक्षीय लीडिंग और एफसीआरए संशोधन बिल को भी चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। जबकि केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा योग्य वित्तीय संविदा बिलों की द्विपक्षीय नेटिंग, FCRA संशोधन विधेयक को राज्य मंत्री (MoS), गृह मंत्रालय, नित्यानंद राय द्वारा सदन में पारित करने के लिए स्थानांतरित किया गया था।