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जावड़ेकर का दावा- पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान ज्‍यादा एमएसपी पर बेचा, कांग्रेस ने उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के बीच दावा किया है कि पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान ज्‍यादा एमएसपी पर मंडियों में बेचा है। वहीं कांग्रेस ने सरकार के दावों पर हमला बोला है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 05:49 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:39 PM (IST)
जावड़ेकर का दावा- पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान ज्‍यादा एमएसपी पर बेचा, कांग्रेस ने उठाए सवाल
जावड़ेकर ने कहा है कि पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान ज्‍यादा एमएसपी पर बेचा है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash  Javadekar) ने दावा किया है कि पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान ज्‍यादा एमएसपी पर  मंडियों में बेचा है। जावड़ेकर ने कहा कि मौजूदा वक्‍त में एमएसपी और मंडियां दोनों जीवित हैं। यही नहीं इन मंडियों  में सरकारी खरीद भी हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने कृषि कानूनों पर गलतफहमी नहीं रखने की अपील की है।

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जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने ट्वीट किया, 'कृषि कानूनों पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के  किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्‍यादा एमएसपी पर बेचा। मौजूदा वक्‍त में एमएसपी भी  जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।' वहीं दूसरी ओर नए कृषि कानूनों के खिलाफ  किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों ने सरकार पर शर्तें लगाने का आरोप लगाया है।

वहीं कांग्रेस कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर हमले जारी रखे हुए है। राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और आम  लोगों से किसानों के पक्ष में खड़े होने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि यह सत्य एवं असत्य की लड़ाई है जिसमें सभी  को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्‍होंने सरकार से सवाल किया कि यदि ये कानून किसानों के हित में हैं तो  फिर किसान सड़कों पर क्यों हैं? वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि इस सरकार ने संवेदनशीलता को  त्याग दिया है।

इस बीच कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली की सीमा पर बीते चार दिनों से डेरा डाले किसान संगठनों ने बुराड़ी मैदान  में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान संगठनों का कहना है कि वे  कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। रविवार को हुई बैठक के बाद करीब 30 किसान संगठनों  के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे बुराड़ी स्थित मैदान नहीं जाएंगे क्‍योंकि वह एक खुली जेल है।


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