Move to Jagran APP

सर्जिकल स्ट्राइक डे: कांग्रेस का हमला, सरकार बोली- अनिवार्य नहीं

जावड़ेकर ने यह भी कहा हमने इसे जरूरी नहीं बनाया है, हम सुझाव देते हैं और सलाह जारी करते हैं। इसमें कोई राजनीति नहीं है बल्कि यह देशभक्ति है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 02:53 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 02:58 PM (IST)
सर्जिकल स्ट्राइक डे: कांग्रेस का हमला, सरकार बोली- अनिवार्य नहीं
सर्जिकल स्ट्राइक डे: कांग्रेस का हमला, सरकार बोली- अनिवार्य नहीं

नई दिल्ली, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा देशभर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को सर्जिकल स्ट्राइक डे मनाने के लिए जारी किए गए निर्देश को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।वहीं विवाद बढ़ता देख सरकार की तरफ से इस पर सफाई सामने आई है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमने उन्हीं संस्थानों को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने को कहा है जो ऐसा चाहते हैं। इस दौरान आर्मी के पूर्व अधिकारियों को लेक्चर के लिए बुलाया जा सकता है। जिसमें वो देश की सुरक्षा और सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी बातों के बारे में बताएंगे। 

loksabha election banner

जावड़ेकर ने यह भी कहा 'हमने इसे जरूरी नहीं बनाया है, हम सुझाव देते हैं और सलाह जारी करते हैं। इसमें कोई राजनीति नहीं है बल्कि यह देशभक्ति है।'

कांग्रेस का वार
यूजीसी के निर्देशों के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। यूपीए की सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस के रूप में मनाएं। क्या इसका मकसद लोगों को शिक्षित करना है या फिर भाजपा के राजनीतिक हितों को पूरा करना।

सर्जिकल स्ट्राइक नहीं मनाएगा पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। चटर्जी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइ डे मनाना भाजपा के एजेंडे का हिस्सा है। इसीलिए, पश्चिम बंगाल में शिक्षण संस्थान इसे नहीं मनाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा आर्मी को बदनाम और इसका राजनीतिकरण क रही है। 

क्या है यूजीसी का निर्देश
गौरतलब है कि यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को गुरुवार को निर्देश जारी किया है कि 29 सितंबर को 'सर्जिकल स्ट्राइक दिवस' के तौर पर मनाया जाए। आयोग ने यह दिवस मनाने के लिए सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में पूर्व सैनिकों से संवाद सत्र, विशेष परेड, प्रदर्शनियों का आयोजन और सशस्त्र बलों को अपना समर्थन देने के लिए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजने समेत अन्य गतिविधियां सुझाई हैं।

आयोग ने सभी कुलपतियों को गुरुवार को भेजे एक पत्र में कहा है कि, सभी विश्वविद्यालयों की एनसीसी की इकाइयों को 29 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए। जिसके बाद एनसीसी के कमांडर सरहद की रक्षा के तौर-तरीकों के बारे में उन्हें संबोधित करें। विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में छात्रों को बताये ताकि छात्रों में सशस्त्र सेनाओं के बलिदान के प्रति संवेदनशीलता बड़े। यूजीसी ने सुझाव दिया है कि विश्वविद्यालय पूर्व सैनिकों को शामिल करके संवाद सत्र का आयोजन भी कर सकते हैं। पत्र में कहा गया है, इंडिया गेट के पास 29 सितंबर को एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.