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UN Climate Summit: प्रकाश जावडेकर बोले, ट्रंप की उपस्थिति ने बताया किस हद तक काम करती है नरम कूटनीति

केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यूएन क्लाइमेट चैंज शिखर सम्मेलन में ट्रंप की मौजूदगी से इस बात का सबूत है कि नरम कूटनीति कैसे काम करती है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 09:47 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 09:47 AM (IST)
UN Climate Summit: प्रकाश जावडेकर बोले, ट्रंप की उपस्थिति ने बताया किस हद तक काम करती है नरम कूटनीति
UN Climate Summit: प्रकाश जावडेकर बोले, ट्रंप की उपस्थिति ने बताया किस हद तक काम करती है नरम कूटनीति

नई दिल्ली,एएनआइ। केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान यूएन क्लाइमेट समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि नरम कूटनीति किस हद तक काम करती है। उन्होंने आगे कहा कि आज की सनसनी यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जलवायु पर मोदी जी का भाषण सुनने के लिए आए। HowdyModi में दोनों देशों के बीच केमेस्ट्री और दोस्ती विकसित हुई और दुनिया के सामने आई।   

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ट्रंप ने शिखर सम्मेलन में फिर भी भाग लिया भले ही 2017 में उन्होंने  अमेरिका को इस समझौते से बाहर निकाल दिया हो, यह कहते हुए कि पेरिस समझौते से (अमेरिका) अर्थव्यवस्था कमजोर हो जाएगी और इससे अमेरिका को स्थायी नुकसान होगा। हालांकि, उन्होंने शिखर सम्मेलन में भाषण नहीं दिया।   

हाउडी मोदी के जरिए रविवार को पीएम मोदी और ट्रंप की बॉनिडंग की दुनिया साक्षी बनी। इस कार्यक्रम में दोनों नेताओं ने आतंकवाद, व्यापार और रक्षा सहित कई मुद्दों पर समान भावनाओं साझा की।

शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने नौ क्षेत्रों में संभावित दूरगामी महत्वाकांक्षी समाधानों की घोषणा की, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, टिकाऊ और लचीला इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरों के लिए एक वैश्विक संक्रमण, टिकाऊ कृषि और जंगलों और महासागरों का प्रबंधन, ये सभी जलवायु प्रभावों के अनुकूलन शामिल हैं।

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्लाइमेट चेंज की बैठक का एजेंडा सेट किया है। साथ ही ये भी कहा कि भारत ने क्लाइमेट चेंज पर दुनिया को रास्ता दिखाने का काम किया है। उन्होंने बताया कि भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 450 गीगावाट सोलर एनर्जी उत्पादन किया जाए। जिसे भारत हासिल कर लेगा।


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