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MP Politics: तीन राज्यसभा सीटों के लिए सात घंटे तक चलेगा मतदान, 206 विधायक लेगें हिस्सा

पहली बार विधानसभा परिसर के सेंट्रल हॉल में मतदान होगा। हर विधायक को स्वास्थ्य की जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके लिए तीन जगह स्वास्थ्य विभाग का दल तैनात रहेगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 08:43 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 09:00 PM (IST)
MP Politics: तीन राज्यसभा सीटों के लिए सात घंटे तक चलेगा मतदान, 206 विधायक लेगें हिस्सा
MP Politics: तीन राज्यसभा सीटों के लिए सात घंटे तक चलेगा मतदान, 206 विधायक लेगें हिस्सा

भोपाल, राज्य ब्यूरो। राज्यसभा की तीन रिक्त सीटों के लिए शुक्रवार सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक (सात घंटे) मतदान होगा। पांच बजे से मतगणना शुरू होगी और देर शाम तक नतीजे घोषित हो जाएंगे। मतदान में कुल 206 विधायक हिस्सा लेंगे।

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कोरोना पॉजिटिव कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी पीपीई किट में मतदान के लिए सबसे अंत में आएंगे। इनका मतपत्र भी अलग लिफाफे में रखा जाएगा और सबसे अंत में इसे गिनती में शामिल किया जाएगा।

पहली बार विधानसभा परिसर के सेंट्रल हॉल में मतदान होगा। हर विधायक को स्वास्थ्य की जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके लिए तीन जगह स्वास्थ्य विभाग का दल तैनात रहेगा। चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी और विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि मतदान की सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा चुका है। मतदान सुबह ठीक नौ बजे से शुरू हो जाएगा।-

तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में

राज्यसभा की रिक्त तीन सीटों के लिए हो रहे चुनाव में चार उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी तथा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और फूलसिंह बरैया हैं।

यह है दलीय स्थिति

कुल सीट       230

भाजपा         107

कांग्रेस          92

निर्दलीय       चार

बसपा           दो

सपा            एक

रिक्त           24

यह बात साफ है कि मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों में से दो भाजपा और एक कांग्रेस को मिलना है, फिर भी आखिरी समय तक एक-एक वोट के लिए खींचतान मची हुई है। दोनों दल इस चुनाव को ऐसे लड़ रहे हैं मानो आखिरी समय कुछ उलटफेर कर सकते हैं, जबकि ऐसा होना असंभव है। सपा-बसपा, निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस के पाले से खींचकर अपने पक्ष में करना, कांग्रेस द्वारा जीतने वाले उम्मीदवार को निर्धारित से दो वोट ज्यादा दिलाने की रणनीति बनाना, यह बताता है कि दोनों दल राई बराबर जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं।


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