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छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम तय करेगा कांग्रेस-भाजपा के बागियों का भविष्य

कांग्रेस की नजर चुनाव परिणाम पर है। जिन निकायों की परिषद में कांग्रेस के पार्षद बहुमत में होंगे वहां बागियों के लिए पार्टी का दरवाजा बंद हो सकता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 10:43 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम तय करेगा कांग्रेस-भाजपा के बागियों का भविष्य
छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम तय करेगा कांग्रेस-भाजपा के बागियों का भविष्य

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का भविष्य चुनाव परिणाम तय करेगा। कांग्रेस और भाजपा की साफ रणनीति है कि जहां उन्हें समर्थन की जरूरत होगी वहीं के बागियों के लिए पार्टी का दरवाजा खुला रहेगा। इसका कारण यह है कि दोनों दलों को अपना महापौर या अध्यक्ष बनाने के लिए परिषद में बहुमत साबित करना होगा।

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बागियों को साथ में रखने की मजबूरी, मतगणना 24 दिसंबर को होगी

अगर, पार्टी प्रत्याशियों की संख्या कम हो जाती है, तो बागियों को साथ में रखने की मजबूरी होगी। इसके लिए कांग्रेस ने तो पहले ही रणनीति बना ली थी। भाजपा ने रविवार को रणनीति पर बात की। राज्य के 151 निकायों के लिए शनिवार को मतदान हुआ है। मतगणना 24 दिसंबर को होगी।

कांग्रेस ने बागियों को चेताया, लेकिन नहीं किया बाहर

नामांकन वापस लेने की तिथि के बाद तक कांग्रेस अपने बागियों को बैठाने की कोशिश करती रही। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की तरफ से दो बार छह साल के निष्कासन की चेतावनी जारी की गई, लेकिन एक को भी बाहर का नहीं किया गया। संगठन के प्रभारी प्रदेश महामंत्री गिरिश देवांगन का कहना है कि पार्टी ने किसी भी बागी को निष्कासित नहीं किया है। संगठन में उनकी सदस्यता अभी बनी हुई है।

कांग्रेस की नजर चुनाव परिणाम पर टिकी

मतलब, साफ है कि कांग्रेस की नजर चुनाव परिणाम पर है। जिन निकायों की परिषद में कांग्रेस के पार्षद बहुमत में होंगे, वहां बागियों के लिए पार्टी का दरवाजा बंद हो सकता है। जरूरत के हिसाब से कांग्रेस में बागियों की सदस्यता कायम रहेगी।

भाजपा कोर कमेटी का फैसला, जरुरत पड़ने पर बागियों की होगी वापसी

भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में रविवार को कोर कमेटी की बैठक हुई। इसमें आला-नेताओं ने पार्टी के बागी प्रत्याशियों पर चर्चा की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि बगावत करने वाले पार्टी के नेताओं का निष्कासन किया गया है। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का नियम बदल गया है, इसलिए बागियों की वापसी भी करनी पड़ सकती है।

चुनाव परिणाम बताएगा बागियों की जरूरत है या नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद यह देखना होगा कि किस वार्ड में भाजपा के प्रत्याशी हारे और पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी जीते हैं। बागियों की वापसी से परिषद में महापौर या अध्यक्ष बनाने का मौका मिलता है, तो यह काम करना ही होगा।


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