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हर घड़ी रूप बदल रही है मप्र की सियासत, सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद से बदले सियासी तेवर

राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख निकट आती जाएगी सियासत और बदरंग होती जाएगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 08:47 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 10:20 PM (IST)
हर घड़ी रूप बदल रही है मप्र की सियासत, सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद से बदले सियासी तेवर
हर घड़ी रूप बदल रही है मप्र की सियासत, सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद से बदले सियासी तेवर

ऋषि पांडेय, भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत अपना मिजाज बदल रही है। शांति का टापू कहे जाने वाले इस प्रदेश की सियासत की तासीर भी अमूमन शांत और निर्मल रही है, लेकिन मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने और कमल नाथ सरकार के पतन के साथ राजनीति के तौर-तरीके 360 डिग्री से बदल गए हैं। व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तिलमिलाहट के स्तर पर पहुंच गए हैं।

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दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआइआर से गरमाई प्रदेश की सियासत

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक पुराने वीडियो को ट्वीट के माध्यम से फैलाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआइआर से समझा जा सकता है कि आने वाले दिनों में सियासत कितनी कसैली होने वाली है।

एमपी में पहला मौका है, जब एक साथ 22 विधायकों के इस्तीफे से सरकार गिरी हो

मध्य प्रदेश के लिए यह पहला मौका है, जब एक साथ 22 विधायकों के इस्तीफे से सरकार गिरी हो। कांग्रेस इस जख्म को भूल नहीं पा रही है। इसका असर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी में महसूस किया जा रहा है। चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम और प्रवक्तागण जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह प्रदेश की सियासत के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।

व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप, मुख्यमंत्री के वीडियो से छेड़छाड़

खानदानों के इतिहास खंगालने तक जा पहुंचे हैं। कांग्रेस नेता खुलकर आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं कि सरकार गिराने के लिए विधायकों के साथ कितने करोड़ का लेन-देन हुआ है। बदनाम करने की नीयत से पुराने वीडियो से छेड़छाड़ हो रही है। ऐसा ही एक मामला रविवार को सामने आया, जब मुख्यमंत्री चौहान का साल-सवा साल पुराना वीडियो, जिसमें वे पत्रकारों से बातचीत कर तत्कालीन कमल नाथ सरकार की शराब नीति पर कुछ बोल रहे थे, में कांट-छांट कर वायरल हुआ। इसे देख यह भ्रम होता है कि चौहान शराब के पक्ष में कुछ बोल रहे हैं। वीडियो से छेड़छाड़ जिसने की उस तक पुलिस पहुंच चुकी है, लेकिन अपराध दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी पंजीबद्ध किया गया। उन्हें इस बात के लिए उलझाया गया, क्योंकि उन्होंने बगैर वीडियो की सत्यता जाने ट्विटर पर उसे वायरल कर दिया।

दिग्विजय पर मामला दर्ज करने से कांग्रेस खफा

सिंह पर मामला दर्ज करने से कांग्रेस खफा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ कहते हैं कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन भाजपा प्रदेश में गलत परंपरा को जन्म दे रही है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ भी ऐसा ही प्रकरण दर्ज करने की मांग भी की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा का कहना है कि विपक्ष में रहते हुए शिवराज ने अनेक बार भ्रामक व झूठी जानकारी फैलाकर कांग्रेस सरकार की छवि बिगाड़ने का काम किया था।

भाजपा विधायक सारंग ने कहा- सदमे से नहीं उबर रही कांग्रेस

भाजपा विधायक विश्वास सारंग का कहना है कि सरकार जाने के सदमे से कांग्रेस उबर नहीं पा रही है, इसलिए मुख्यमंत्री की छवि खंडित करने के लिए निम्न स्तरीय हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इधर, शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल का एक आवेदन राज्य के पुलिस महानिदेशक के पास विचाराधीन है, जिसमें वे कमल नाथ के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने की मांग कर रहे हैं। पटेल को इस बात का मलाल है कि नाथ ने पिछले दिनों एक बयान में ऐसा शब्द बोला था जो अनुसूचित जाति के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ था। नरेन्द्र सलूजा कहते हैं कि पटेल को 15 दिन बाद इस मामले की याद क्यों आई। नाथ ने किसी का अपमान नहीं किया। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख निकट आती जाएगी, सियासत और बदरंग होती जाएगी।


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