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जानिए, कश्मीर में नए मोर्चे के लिए पक रही सियासी खिचड़ी

इस कवायद के साथ जुड़े लोगों की मानें तो यह सभी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के नारे के नाम पर अपना मोर्चा शुरू करेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 09:42 PM (IST)
जानिए, कश्मीर में नए मोर्चे के लिए पक रही सियासी खिचड़ी
जानिए, कश्मीर में नए मोर्चे के लिए पक रही सियासी खिचड़ी

राज्य ब्यूरो, जम्मू। बदली परिस्थितियों में केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के सियासी मंच पर अपनी अहमियत साबित करने के लिए पुराने राजनीतिक नेता एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। यह नेता एक नया मोर्चा तैयार करना चाहते हैं, जो न सिर्फ घाटी में बल्कि जम्मू संभाग में भी पूरा प्रभाव रखे।

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जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग

संभावित मोर्चा तैयार करने में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के निष्कासित नेता जो पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री रह चुके हैं, अपने पूरे प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। दोनों का दिल्ली में ही नहीं, विदेश में भी कुछ खास जगहों पर अच्छा प्रभाव माना जाता है। इनमें से एक नेता हाल ही में विदेश यात्रा से लौटे हैं। नए सियासी संगठन को तैयार करने में जुटे यह लोग केंद्र शासित जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के नारे के साथ अपनी सियासत शुरू करने पर आपस मे सहमति बना रहे हैं।

एनसी-पीडीपी ने चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का दिया संकेत

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार मार्च-अप्रैल 2020 तक विधानसभा चुनाव कराना चाहती है। नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने पांच अगस्त से पूर्व की जम्मू-कश्मीर की स्थिति की बहाली होने तक चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का संकेत दिया है।

एनसी-पीडीपी के सभी प्रमुख नेता नजरबंद या फिर हिरासत में हैं

इन दोनों दलों के सभी प्रमुख नेता नजरबंद हैं या फिर हिरासत में हैं। कांग्रेस भी पूरी तरह से सक्रिय नहीं है। इसके अलावा बदले माहौल में क्षेत्रीय दलों के लिए जनता के समक्ष जाना मुश्किल साबित हो रहा है, क्योंकि वह जिन मुद्दों पर लोगों से वोट मांगते रहे हैं, वह पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने बीते चार माह के दौरान जम्मू कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए अपने स्तर पर कई उपाय किए जो अभी तक सफल होते नजर नहीं आए हैं।

पीडीपी से निष्कासित बुखारी का नाम सबसे ऊपर

पीडीपी के निष्कासित नेता अल्ताफ बुखारी का नाम उन लोगों में सबसे ऊपर लिया जा रहा है। वह कुछ दिन पहले ही विदेश से लौटे हैं। उनके साथ गत वर्ष की शुरुआत में तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा मंत्रिमंडल से निष्कासित किए गए गए तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. हसीब द्राबु भी सक्रिय हैं। द्राबु दिल्ली के अलावा जम्मू संभाग में अपने परिचितों के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं। बुखारी ने कश्मीर में मोर्चा संभाल रखा है।

कारोबारी बुखारी के भाजपा नेताओं से भी अच्छे संबंध

कश्मीर की सियासत में बीते पांच साल से पूरी तरह सक्रिय सईद अल्ताफ बुखारी एक नामी कारोबारी हैं। वह खुद भी श्रीनगर में तीन से चार विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। उनके नेशनल कांफ्रेंस और भाजपा के कई नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।

कांग्रेस के पुराने नेता भी हाथ मिलाने को तैयार

सूत्रों ने बताया कि इस संभावित नए मोर्चे के साथ नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के कुछ पुराने नेता भी हाथ मिलाने को तैयार हैं। हालांकि इनके राजनीतिक एजेंडे के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पायी है, लेकिन इस कवायद के साथ जुड़े लोगों की मानें तो यह सभी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के नारे के नाम पर अपना मोर्चा शुरू करेंगे।


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