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राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां हुईं तेज

जिग्नेश मेवाणी ने दलित समाज के युवाओं की टीम बनाकर चुनाव अभियान शुरू करने की रणनीति बनाई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 06:47 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 06:47 PM (IST)
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां हुईं तेज
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां हुईं तेज

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव निकट आते देख प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज होने लगी हैं। राजनीतिक दलों के अतिरिक्त इस बार विभिन्न समाजों और कर्मचारियों के संगठनों ने भी छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है। एक ओर जहां एससी वर्ग के लिए आरक्षित 34 विधानसभा सीटों पर गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी, भीम सेना और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने अपना ध्यान केंद्रित किया है, वहीं सरकारी नौकरियों में पद्दोन्नति में आरक्षण समाप्त करने और क्रीमीलेयर को आरक्षण का लाभ नहीं देने को लेकर कई सालों से आंदोलन कर रही समता आंदोलन समिति ने विधानसभा चुनाव में 'मिशन-59' पर काम करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने भाजपा का विरोध करने का एलान किया है।

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-राजस्थान विस चुनाव के चलते सामाजिक और कर्मचारी संगठन भी सक्रिय

-राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने किया भाजपा का विरोध करने का ऐलान

-जिग्नेश, अठावले चलेंगे बसपा का दलित कार्ड

-समता आंदोलन समिति भी उतारेगी प्रत्याशी

सामान्य वर्ग के सरकारी कर्मचारियों की संस्था समता आंदोलन समिति ने राजस्थान में एससी और एसटी के लिए आरक्षित 59 विधानसभा सीटों पर अपनी पसंद के प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। ये सभी प्रत्याशी होंगे तो आरक्षित वर्ग के ही, लेकिन ये जातिगत आरक्षण का विरोध करने के साथ ही आरक्षित वर्ग में क्रीमीलेयर को आरक्षण का लाभ नहीं देने और वंचित वर्ग को आरक्षण का लाभ देने को लेकर समिति की मांग के समर्थन में शपथ-पत्र लिखकर देंगे।

समिति का दावा है कि इन प्रत्याशियों को सामान्य वर्ग के मतों का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा । समिति के अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने 'दैनिक जागरण' को बताया कि एससी, एसटी के लिए आरक्षित नौ विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। शेष सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा जून माह तक कर दी जाएगी।

शर्मा ने बताया कि बुधवार को समिति के पदाधिकारियों ने चुनाव को लेकर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि समिति ने 10 बड़े राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को पत्र लिखकर पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने, क्रीमीलेयर को आरक्षण का लाभ नहीं देने और दलित उत्पीड़न से जुड़े मामलों में जांच से पहले गिरफ्तारी नहीं करने को लेकर शपथ-पत्र मांगा है, जो भी दल शपथ-पत्र देगा समिति चुनाव में उसका समर्थन करेगी।

जिग्नेश मेवाणी ने दलित समाज के युवाओं की टीम बनाकर चुनाव अभियान शुरू करने की रणनीति बनाई है। मेवाणी अब तक छह विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले अपनी रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। भीम सेना और बहुजन समाज पार्टी ने पहले ही 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

राजपूतों के अपमान की वजह से विरोध

उधर, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने भाजपा का विरोध करने की घोषणा की है । करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव ¨सह गोगामेडी का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में राजपूत समाज का अपमान हुआ है, जिस कारण संगठन चुनाव में भाजपा का विरोध करेगा।


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