भगोड़े चोकसी को वापस लाने के लिए सरकार की 'चौकस चाल', अब इस तरीके से भारत आएगा मेहुल
बैंकों को चूना लगाकर विदेश भागे मेहुल चोकसी को भारत लाने लाने के लिए सरकार ने एक नई नीति का सहारा लिया है।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। बैंक जालसाजी मामले में फरार आरोपित मेहुल चोकसी को एंटीगुआ से वापस लाने के लिए भारत वहां के एक कानूनी प्रावधान का सहारा लेगा। इस कैरेबियाई देश के कानून में भगोड़े को मान्य राष्ट्रमंडल देश को प्रत्यर्पित करने का प्रावधान है। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी।
विदेश मंत्रालय ने तीन अगस्त को एक गजट अधिसूचना जारी की है। एंटीगुआ के कानून को प्रभावी बनाने और चोकसी को वापस लाने के लिए यह अधिसूचना जारी की गई है। भारत और एंटीगुआ के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
सूत्र ने कहा, 'एंटीगुआ और बारबुडा के प्रत्यर्पण अधिनियम 1993 के प्रावधानों के अनुसार, भगोड़े को एक मान्य राष्ट्रमंडल देश या किसी ऐसे देश को जिसके साथ सामान्य या विशेष व्यवस्था या द्विपक्षीय संधि हो, को सौंपा जा सकता है।'
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि भारत के प्रत्यर्पण अधिनियम 1962 का प्रावधान 2001 से एंटीगुआ और बारबुडा के लिए प्रभावी हो सकता है। 2001 में कैरेबियाई देश ने अपने प्रत्यर्पण कानून के तहत भारत को मान्य राष्ट्रमंडल देश के रूप में अधिसूचित किया था।