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राहुल गांधी के 'आंख मारने' और 'गले मिलने' पर पीएम मोदी ने संसद में कसा तंज

राहुल गांधी पर चंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैें जब इस सदन में आया था तो पहली बार मुझे कई चीजें पता चलीं, यहां मुझे गले पड़ने और गले मिलने का अंतर पता चला।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 05:20 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 07:51 AM (IST)
राहुल गांधी के 'आंख मारने' और 'गले मिलने' पर पीएम मोदी ने संसद में कसा तंज

नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और साथ ही उन लम्हों को भी याद किया, जिसकी वजह से संसद का सदन मीडिया की सुर्खियों में रहा। पीएम मोदी ने दोनों सदनों के सांसदों का कार्यवाही के लिए धन्यवाद दिया और हल्के अंदाज में राहुल गांधी पर तंज भी कसा।

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पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार मुझे पता चला कि गले मिलना और गले पड़ना में क्या अंतर होता है। पहली बार देखा कि सदन में आंखों से गुस्ताखियां होती हैं। पीएम मोदी ( PM Narendra Modi) ने कहा कि 2014 में मैं भी उन सांसदों में से एक था जो पहली बार संसद आए थे। मुझे संसद के बारे में कुछ पता नहीं था। हर चीज को बड़ी जिज्ञासा से देखता था। मगर गली यह मेरे लिए नई थी. मेरे लिए हर चीज यहां नई थी। करीब तीन दशक बाद एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी थी। 16वीं लोकसभा में 100 फीसद से अधिक काम हुआ।

विपक्ष पर तंज सकते हुए उन्होंने कहा कि हम कभी-कभी सुनते थे कि भूकंप आएगा, 5 साल में कोई भूंकप नहीं आया। उन्होंने कहा कि इस सदन के सदस्य जब जनता के बीच जाएंगे, तो वे गर्व से इन 5 वर्षों में सदन द्वारा कालेधन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध बनाए गए कानूनों के विषय में बता सकते हैं। 5 साल में 203 बिल हमने पास किए, शत्रु संपत्ति पर कानून, सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण, ओबीसी कमिशन का निर्माण आदि काम इसी सदन ने किया है। कालेधन के खिलाफ कानून इसी सदन में बना, बेनामी संपत्ति, दिवालिया कानून आदि इसी सदन में बने।

'पहली बार देखा सदन में आंखों से गुस्ताखियां'
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के व्यवहार पर तीखा कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा, 'हम कभी-कभी सुनते थे कि भूकंप आएगा, लेकिन पांच साल का कार्यकाल करीब-करीब पूरा हो रहा है। कोई भूकंप नहीं आया।' राहुल गांधी की हरकतों पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'पहली बार पता चला कि गले मिलना और गले पड़ने में क्या अंतर होता है।' यही नहीं, उन्होंने राहुल गांधी की बचकानी हरकतों पर तीखा तंज कसते हुए कहा, 'पहली बार देखा कि सदन में आंखों से गुस्ताखियां होती हैं।' उन्होंने ताकीद की कि संसद की गरिमा बनाए रखना हर सांसद का दायित्व है।

'बड़े-बड़े लोगों ने हवाई जहाज उड़ाए'
प्रधानमंत्री ने राफेल पर बहस के दौरान राहुल समेत कांग्रेसी सांसदों को उनकी अमर्यादित हरकतों के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, 'बड़े-बड़े लोगों ने हवाई जहाज उड़ाए। लेकिन लोकतंत्र और लोकसभा की मर्यादा इतनी ऊंची है कि भूकंप को भी पचा गया और कोई हवाई जहाज उसकी ऊंचाई पर नहीं जा पाया।' उन्होंने अपने भाषण के दौरान कांग्रेसी सांसदों के जोर-जोर से ठहाकों को 'अट्टाहास' बताते हुए इसका इस्तेमाल मनोरंजन उद्योग में करने की सलाह दी।

'खड़गे के भाषणों से मिला अपने भाषणों के लिए खाद-पानी'
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सदन में कांग्रेस दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की उनकी संजीदगी के लिए प्रशंसा भी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच दशक तक जनप्रतिनिधि रहने के बाद भी खड़गे जिस तरह पूरे समय सदन में मौजूद रहते हैं, उससे सांसदों को सीखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह सरकार के खिलाफ खड़गे का भाषण उनकी विचार चेतना को जगाने का काम करता रहा और उनके भाषणों के लिए खाद-पानी भी इसी से मिलता था।

संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
संसद का यह बजट सत्र 16वीं लोकसभा का आखिरी सत्र था, ऐसे में अब संसद की कार्यवाही 17वीं लोकसभा के गठन के बाद ही शुरू होगी। तब तक के लिए दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
 


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