रैपिड टेस्ट किट के मुनाफाखोरों पर कार्रवाई करें पीएम : राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रैपिड टेस्ट किट में मुनाफा वसूलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना रैपिड टेस्ट किट में जबरदस्त मुनाफा वसूले जाने को शर्मनाक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने संकटकालीन मेडिकल टेस्ट किट आयात में मुनाफाखोरी को देखते हुए सरकार से ऐसी सभी खरीदों का ब्योरा सार्वजनिक करने को कहा है।
मुनाफाखोरों के खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाए
कोरोना रैपिड टेस्ट किट में बिचौलियों के मुनाफा कमाने से जुड़ी खबरों पर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जब समूचा देश कोविड-19 से लड़ रहा है, तब भी कुछ लोग अनुचित तरीके से मुनाफा कमाने से नहीं चूकते। इस भ्रष्ट मानसिकता पर शर्म आती है। हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि इन मुनाफाखोरों के खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाए। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।'
दो कंपनियों ने लगभग 18 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया
राहुल के ट्वीट के बाद कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट में इससे जुड़े मामले की सुनवाई में जो तथ्य आए हैं, वे हैरान करने वाले हैं। चीन से 245 रुपये की दर से आयातित किट को कंपनी ने आइसीएमआर को 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से बेच भारी मुनाफा कमाया है। आइसीएमआर ने पांच लाख किट का ठेका दिया, जिसकी कीमत 245 रुपये के हिसाब से 12 करोड़ 25 लाख रुपये बैठती है। लेकिन जिस कंपनी ने चीन से किट का आयात किया, उसने दूसरी बिचौलिया कंपनी को यही किट 21 करोड़ रुपये में बेची और उस कंपनी ने आइसीएमआर को यह किट 30 करोड़ रुपये में दी। तिवारी ने कहा कि इसमें दोनों कंपनियों ने मिलकर लगभग 18 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
कांग्रेस ने कहा, किट आयात का ब्योरा सार्वजनिक करे सरकार
मनीष तिवारी ने कहा कि हैरत की बात यह है कि कंपनी तमिलनाडु सरकार को एक रेट पर आइसीएमआर को दूसरे रेट पर किट सप्लाई कर रही है। कोरोना आपदा के दौर में जब अर्थव्यवस्था संकट में है किट पर 130 फीसदी तक की मुनाफाखोरी धांधली है। इसीलिए कांग्रेस की मांग है कि मुनाफाखोरी को तत्काल रोकते हुए लॉकडाउन में आयात किए गए किट का ब्योरा दस्तावेजों के साथ सार्वजिनक किया जाए, ताकि ऐसे मुनाफाखोरों का चेहरा सामने आ सके।