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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, कश्‍मीर में बहाएंगे विकास की गंगा, पढ़ें भाषण की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 69वें जन्‍मदिन के मौके पर कहा कि एक छोटी से भूल के कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को 70 साल तक भेदभाव का सामना करना पड़ा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 02:11 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, कश्‍मीर में बहाएंगे विकास की गंगा, पढ़ें भाषण की बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, कश्‍मीर में बहाएंगे विकास की गंगा, पढ़ें भाषण की बड़ी बातें

केवडिया, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नर्मदा जिले के केवड़िया में सरदार सरोवर बांध स्‍थल पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि एक छोटी से भूल के कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को 70 साल तक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। इसके दुष्परिणाम, हिंसा और अलगाव के रूप में देश ने भुगता है। सरदार साहब की प्रेरणा से ही सरकार ने एक जरूरी फैसला लेते हुए अनुच्‍छेद-370 को हटाने का काम किया है। प्रधानमंत्री अपने 69वें जन्‍मदिन के मौके पर यहां आए थे। उन्‍होंने नमामि देवी नर्मदे महोत्सव के तहत सरदार सरोवर बांध पर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की और स्टैचू ऑफ यूनिटी के पास चल रहीं विकास परियोजनाओं का जायजा लिया।

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100 दिन में कई बड़े फैसले लिए
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के दौरान जो काम अधूरे रह गए थे उन्‍हें आज देश पूरा करने की कोशिशें कर रहा है। आपका यह सेवक भारत की एकता और श्रेष्ठता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने 100 दिन में कई बड़े फैसले लिए हैं। हम आप सबको विश्‍वास दिलाना चाहते हैं कि हमारी नई सरकार पहले से भी तेज गति से काम करेगी और बड़े लक्ष्‍यों को हासिल करेगी। हम जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में विश्वास और विकास की गंगा बहाएंगे।

...तो आज देश का नक्शा कैसा होता
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन सरदार साहब द्वारा भारत की एकता की उनकी कोशिशों का एक स्वर्णिम पृष्‍ठ है। आज हैदराबाद मुक्ति दिवस भी है। सरदार साहब की कोशिशों के कारण आज के दिन 1948 में हैदराबाद का भारत में विलय हुआ था। आज हैदराबाद देश की उन्नति और प्रगति में पूरी मजबूती से योगदान दे रहा है। कल्पना करें यदि सरदार पटेल जी की वह दूरदर्शिता ना होती तो आज देश का नक्शा कैसा होता और इसकी समस्याएं कितनी जटिल होतीं। आज देश उनके एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार होते देख रहा है।

स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी ने स्‍टैच्‍यू ऑफ लिबर्टी को छोड़ा पीछे 
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी पर्यटन की बात आती है तब स्टेचू ऑफ यूनिटी की चर्चा होती है। स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी से पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। इसके कारण केवड़िया और गुजरात पूरे विश्व के टूरिज्म मैप पर प्रमुखता से आ गया है। पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी ने अमेरिका के स्‍टैच्‍यू ऑफ लिबर्टी को भी पीछे छोड़ दिया है। इसके लोकार्पण के अभी केवल 11 महीने ही हुए हैं लेकिन अब तक 23 लाख से अधिक पर्यटक देश और दुनिया से यहां आ चुके हैं। हर दिन यहां औसतन साढ़े आठ हजार टूरिस्ट आ रहे हैं। मुझे बताया गया है कि पिछले महीने जन्माष्टमी के दिन तो रिकॉर्ड 34 हजार से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे थे। अब हमें इस क्षेत्र को केवल सिंगल यूज प्‍लास्टिक से बचाना है।

सरदार पटेल का सपना आज हो रहा पूरा 
पीएम ने कहा कि आज का यह अवसर बहुत भावनात्मक है। सरदार पटेल ने जो सपना देखा था वह दशकों बाद आज पूरा हो रहा है। सरदार सरोवर बांध और सरदार साहब की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, दोनों ही उसी इच्छाशक्ति और उसी संकल्पशक्ति के प्रतीक हैं। आज निर्माण और सृजन के देवता विश्वकर्मा जी की जयंती है। नए भारत के निर्माण के जिस संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, उसमें भगवान विश्वकर्मा जैसी इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है।

नर्मदा का पानी पारस, मिट्टी को बना देता है सोना 
पीएम मोदी ने कहा कि आज कच्छ और सौराष्ट्र के उन क्षेत्रों में भी मां नर्मदा की कृपा हो रही है जो कभी सूखे से जूझ रहे थे। गुजरात में आज सिंचाई का नेटवर्क खड़ा हुआ है, पानी को बचाने का अभियान चलाया गया जिससे 12 लाख किसान परिवारों को फायदा हुआ है। गुजरात की 19 लाख हेक्टेयर भूमि खेती लायक हो गई है। IIM अहमदाबाद के एक अध्‍ययन में पाया गया है कि माइक्रो इरिगेशन के कारण ही गुजरात में 50 फीसद तक पानी की बचत हुई है। नर्मदा का पानी पारस है जो मिट्टी को सोना बना देता है। आज कच्छ नहीं, गुजरात के बड़े हिस्से के लिए पारस साबित हो रहा है।

पर्यावरण की रक्षा के साथ साथ विकास संभव 
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के साथ साथ भी विकास हो सकता है। प्रकृति हमारे लिए आराध्य है, पर्यावरण को बचाते हुए कैसे विकास किया जाता है, इसका उदाहरण केवडिया में देखने को मिलता है। एक तरफ सरदार सरोवर बांध है, बिजली उत्पादन के यंत्र हैं तो दूसरी तरफ एकता नर्सरी, बटर-फ्लाई गार्डन जैसी इको-टूरिज्म से जुड़ी बहुत ही सुंदर व्यवस्थाएं हैं। कभी मुझे मन करता था कि फोटो निकालूं लेकिन आज मन कर रहा था कि काश मेरे हाथ में कैमरा होता और मैं इन पलों को कैद कर लेता। आज सरदार पटेल का सपना साकार हुआ है। नर्मदा की योजना से गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को लाभ मिलेगा।  

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