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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पीएम मोदी ने थामी कमान, उच्चस्तरीय बैठक में भावी रणनीति बनाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को COVID19 के खिलाफ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत में और अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए व्‍यापक बैठक की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 08:03 PM (IST)
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पीएम मोदी ने थामी कमान, उच्चस्तरीय बैठक में भावी रणनीति बनाई
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पीएम मोदी ने थामी कमान, उच्चस्तरीय बैठक में भावी रणनीति बनाई

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा दुष्प्रभाव जगजाहिर है। अर्थव्यवस्था को इस दुष्चक्र से निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान थाम ली है। अब मोदी स्वयं भी अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ भारत को निवेशकों का पसंदीदा स्थल बनाने की नई रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को  COVID19 के खिलाफ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए निवेश को आकर्षित करने और स्थानीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक व्यापक बैठक की। इस दौरान चर्चा की गई कि देश में मौजूदा औद्योगिक भूमि/प्लॉट/एस्टेट के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए एक योजना विकसित करने और आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।

इसमें निवेशकों को आसानी से जमीन उपलब्ध कराने से लेकर उन्हें राज्यों के स्तर पर हर तरह की मंजूरी को बगैर किसी समस्या के देने का इंतजाम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए खान और कोयला क्षेत्रों में संभावित आर्थिक सुधारों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक विस्तृत बैठक की। 

 पीएम मोदी की अध्यक्षता में निवेश के माहौल में सुधार पर अहम बैठक

पीएम ने अपने सभी सहयोगियों को निर्देश किया कि कोई भी निवेश प्रस्ताव हो, उस पर समयबद्ध तरीके से फैसला होना चाहिए। पीएम के स्तर पर इस पहल का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि कोविड-19 की वजह से वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था में अफरा-तफरी है और चीन में निवेश करने वाली कंपनियां इसके विकल्प की तलाश में है।

मैन्यूफैक्चरिंग की सुविधा देने पर खास चर्चा

बैठक में चर्चा का एक खास मुद्दा था मौजूदा औद्योगिक जमीन, प्लॉट पर कंपनियों को 'प्लग एंड प्ले' तर्ज पर मैन्यूफैक्चरिंग की सुविधा देना। इसका मतलब यह हुआ कि देशी विदेशी कंपनियों को जमीन हर तरह की मंजूरियों के साथ सरकार देगी, कंपनियों को वहां सिर्फ प्लांट लगाना होगा और माल तैयार करना होगा। 

सभी मंत्रालयों को निर्देश- निवेशकों को लुभाने के लिए सुधार हो

पीएम ने अपने सहयोगियों को कहा कि निवेशकों को हर तरह की सुविधा देने का एप्रोच होना चाहिए। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए केंद्रीय व राज्यों की मंजूरियां समयबद्ध तरीके से मिले, इसे भी सुनिश्चित करने में केंद्रीय एजेंसियों को भूमिका निभानी चाहिए। इस क्रम में गुरुवार की बैठक में विदेशी निवेशकों को फास्ट-ट्रैक तरीके से लाने और घरेलू निवेशकों को प्रोमोट करने के दूसरे उपायों पर भी विचार किया गया।

राज्‍यों को निवेश की रणनीति में शामिल करने पर चर्चा 

सूत्रों के मुताबिक इस विषय पर भी अलग से चर्चा की गई कि राज्यों को भी निवेश आकर्षित करने की रणनीति में किस तरह से शामिल किया जाए ताकि वे ज्यादा सक्रिय भूमिका निभा सके। बैठक के क्रम में यह भी चर्चा में आया कि निवेश की राह आसान करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों की तरफ से सुधारवादी कदम और किस तरह से उठाये जा सकते हैं। मोटे तौर पर हर मंत्रालय को यह बताया गया कि निवेश संव‌र्द्धन व औद्योगिक विकास की राह में जो भी रोड़ा हो, उसे समयबद्ध तरीके से हटाने की क्षमता विकसित करनी होगी।

बैठक में वित्त मंत्री, गृह मंत्री, वाणिज्य व उद्योग मंत्री और वित्त राज्य मंत्री व भारत सरकार के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह हाल के वर्षों में विदेशी निवेश के लिए घरेलू माहौल को सुधारने के लिए की गई सबसे बड़ी बैठक है।


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