शेख हसीना के साथ सीएए से उपजे तनाव को दूर करने की कोशिश करेंगे पीएम मोदी
सीएए के बाद बांग्लादेश कई तरह से अपनी नाराजगी जता चुका है। विपक्षी दलों व कट्टरपंथी दल भारत विरोधी रवैया अख्तियार किये हुए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 5 अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बीच की द्विपक्षीय वार्ता बहुत ही सफल रही थी। सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। ऊर्जा आपूर्ति से लेकर विशेष आर्थिक समझौते को लेकर सहमति बनी।
2019 में पीएम शेख हसीना की भारत यात्रा से बना माहौल सीएए को लेकर तनाव में बदला
इसके तकरीबन दो महीने बाद 11 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पारित होने के बाद से रिश्तों में थोड़ा तनाव आ गया है। देखना है कि पीएम नरेंद्र मोदी की आगामी ढाका यात्रा इस तनाव को कितना कम करती है। वैसे तो मोदी 17 मार्च को बंगबंधु शेख मुजीर्बुरहमान की जन्मशती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं, लेकिन उनकी पीएम हसीना से अलग से द्विपक्षीय मुलाकात भी होनी तय है।
पीएम मोदी हसीना को करेंगे आश्वस्त, सीएए बांग्लादेश को प्रभावित नहीं करेगा
पीएम मोदी बांग्लादेश को एक बार फिर आश्वस्त करने की कोशिश करेंगे कि सीएए किसी भी तरह से बांग्लादेश को प्रभावित नहीं करेगा। इसके साथ ही पड़ोसी देश के लिए कुछ दूसरी परियोजनाओं का ऐलान भी किया जाएगा। 5 अक्टूबर की बैठक में जिन द्विपक्षीय परियोजनाओं पर चर्चा हुई थी उसे आगे लागू करने पर भी बात होगी।
मोदी और हसीना के बीच रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा उठेगा
सूत्रों के मुताबिक दोनो नेताओं के बीच होने वाली बैठक में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को एलपीजी आपूर्ति व बांग्लादेश की तटीय सुरक्षा को लेकर बातचीत होनी है। इसके अलावा रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़ी समस्या का मुद्दा भी दोनो नेताओं के बीच उठेगा। भारत लगातार बांग्लादेश को रोहिंग्याई शरणार्थियों को लेकर मदद कर रहा है। पिछली बैठक में भारत की तरफ से बांग्लादेश को सैन्य साजो समान के लिए 50 करोड़ रुपये का कर्ज देने की बात हुई थी। इस बारे में भी बातचीत आगे बढ़ेगी।
दिल्ली हिंसा के कारण बांग्लादेश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से हसीना सरकार दबाव में
जानकार मान रहे हैं कि भारत में जिस तरह से लगातार सीएए व एनआरसी के संदर्भ में बांग्लादेश का नाम लिया जा रहा है और हाल ही में दिल्ली हिंसा की वजह से जिस तरह से बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं उससे शेख हसीना सरकार काफी दबाव में है। पीएम हसीना के कार्यकाल में भारत के साथ रिश्तों को काफी महत्व दिया गया है।
भारत ने शेख हसीना सरकार को कई स्तरों पर मदद दी
भारत के साथ रिश्तों को देखते हुए ही बांग्लादेश ने चीन की तरफ से भारी भरकम आर्थिक मदद को भी बहुत ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत की तरफ से भी शेख हसीना सरकार को कई स्तरों पर मदद दी गई है। भारत बांग्लादेश की कंपनियों के लिए अपना विशाल बाजार भी खोलने के तैयार हुआ है, जिसके लिए बातचीत हो रही है।
बांग्लादेश में भारत विरोधी रवैये से हसीना दबाव में हैैं
सीएए के बाद बांग्लादेश कई तरह से अपनी नाराजगी जता चुका है। पीएम शेख हसीना ने हाल ही में कहा था कि यह भारत का आतंरिक मामला है, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं है। लेकिन जिस तरह से विपक्षी दलों व कट्टरपंथी दल भारत विरोधी रवैया अख्तियार किये हुए हैं और दिल्ली हिंसा के खिलाफ बडे़े जुलूस निकाले जा रहे हैं उसे देखते हुए हसीना पर दबाव है।