अमेरिकी राष्ट्रपति जैसे विमान में सफर करेंगे PM मोदी, कुछ ही महीनों में होगी डिलीवरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जैसी सुरक्षा वाला विमान भारत को जल्द मिलने वाला है। बोइंग कंपनी द्वारा बनाई गई बोइंग 777 एयरक्राफ्ट सितंबर तक भारत को मिल जाएगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जैसी सुरक्षा वाला विमान भारत को जल्द मिलने वाला है। बोइंग कंपनी द्वारा विशेष रूप से निर्मित दो बोइंग 777 एयरक्राफ्ट (B777 aircraft) सितंबर तक भारत को मिल जाएंगे। विमानों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये एंटी मिसाइल तकनीक से लैस होंगे। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी।
इस विमान में देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति यात्रा करेंगे। पिछले साल अक्टूबर में, सरकारी अधिकारियों ने कहा था कि केवल वीवीआईपी यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले इन दोनों विमानों की डिलीवरी इस साल जुलाई तक की जाएगी, लेकिन कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण इसमें देरी हो गई।
भारतीय वायुसेना के पायलटों द्वारा संचालित होंगे विमान
अधिकारियों ने कहा कि ये दो विमान भारतीय वायुसेना के पायलटों द्वारा संचालित किए जाएंगे। हालांकि, विमानों का रखरखाव एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL)द्वारा किया जाएगा, जो भारतीय राष्ट्रीय वाहक की सहायक कंपनी है।
वर्तमान में एयर इंडिया के B747विमानों पर भरते हैं उड़ान
वर्तमान में, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एयर इंडिया के B747विमानों पर उड़ान भरते हैं। इनका साइन नाम एयर इंडिया वन दिया जाता है। एयर इंडिया के पायलट इनको उड़ाते हैं। जब 'अति विशिष्ट लोग कहीं यात्रा पर नहीं जाते हैं तो इन B747 विमानों का उपयोग भारतीय राष्ट्रीय वाहक द्वारा वाणिज्यिक संचालन के लिए किया जाता है।
केवल गणमान्य व्यक्तियों की यात्रा के लिए होगा इस्तेमाल
नए विमानों का उपयोग केवल गणमान्य व्यक्तियों की यात्रा के लिए किया जाएगा। ये दोनों विमान 2018 में कुछ महीनों के लिए एयर इंडिया के वाणिज्यिक बेड़े का हिस्सा थे। इन्हें वीवीआइपी यात्रा के लिए विशेष रूप से तैयार करने के लिए बोइंग को भेज दिया गया।
विमान कि विशेषता
B777 विमानों अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली से लैस होंगे। इन्हें लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटरमेशर (LAIRCM) और सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (SPS) कहा जाता है। फरवरी में, यूएस ने कुल 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से भारत को दो रक्षा प्रणाली बेचने पर सहमति व्यक्त की थी।