सीबीआइ विवाद के बाद ममता के गढ़ में शुक्रवार को हुंकार भरेंगे पीएम मोदी
सीबीआइ को लेकर हुई तकरार के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ममता के गढ़ में शुक्रवार को आएंगे।
Mamata vs PM: धुपगुड़ी, जलपाईगुड़ी [संवादसूत्र]। सूबे की ममता सरकार के साथ सीबीआइ को लेकर हुई तकरार के बाद प्रधानमंत्री मोेदी शुक्रवार आठ फरवरी को जलपाईगुड़ी के मयनागुड़ी में जनसभा करेंगे। देखना है कि वे ममता बनर्जी के आरोपों का किस तरह से उत्तर बंगाल की जनता के बीच जवाब देते हैं। सभा की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। मैदान में अतिरिक्त मिट्टी डालकर समतलीकरण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के सभास्थल का जायजा लेती एसपीजी टीम।
बांस-बल्ली से घेराबंदी जारी है। पार्टी के झंडे, मोदी समेत पार्टी के अन्य नेताओं के कटाउट तथा होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं। एसपीजी की टीम ने भी मैदान का जायजा लिया।
मैदान की जा रही सभा की तैयारी।
वैसे तो प्रधानमंत्री की यह सभा पहले से ही तय थी। इसको लेकर कुछ विवाद भी हुआ। आसपास के खेतों के मालिकों से उनकी फसल को होने वाले नुकसान को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई गई। लेकिन, अब सीबीआइ को लेकर हुए ताजा विवाद ने इस जनसभा को लेकर लोगों में दिलचस्पी बढ़ गई है। कोलकाता में पुलिस आयुक्त के घर सीबीआइ का पहुंचना, फिर सीबीआइ टीम को कोलकाता पुलिस द्वारा हिरासत में लेना, कोलकाता सीबीआइ कार्यालय को पुलिस द्वारा घेरना, सुरक्षा में सीआरपीएफ का आना, ममता का धरना पर बैठना आदि घटनाक्रमों ने इस समय पश्चिम बंगाल ही नहीं, पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस पर पटाक्षेप सुप्रीम कोर्ट ने किया जरूर, लेकिन सत्ता पक्ष और सारे विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी ही इस समय चर्चा में है।
मैदान का समतलीकरण करते मजदूर।
इसी माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तर बंगाल यात्रा भी हो रही है। सीबीआइ घटनाक्रम के ही पहले वे दक्षिण बंगाल में सभा कर चुके थे। इस विवाद ने प्रधानमंत्री की सभा में और दिलचस्पी बढ़ा दी है। लोग सुनना चाहते हैं कि स्वयं प्रधानमंत्री इस पर क्या बोलेंगे। वह भी पश्चिम बंगाल की धरती से।
बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल रॉय ने भी सभास्थल का निरीक्षण किया।