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पीएम मोदी ने कहा, बेकार नहीं जाएगी बहादुर जवानों की शहादत

प्रधानमंत्री ने कायरतापूर्ण आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा - पूरा देश आतंकी हमले में शहीद हुए बहादुर जवानों के परिवार के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़ा है

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 08:59 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 12:53 AM (IST)
पीएम मोदी ने कहा, बेकार नहीं जाएगी बहादुर जवानों की शहादत
पीएम मोदी ने कहा, बेकार नहीं जाएगी बहादुर जवानों की शहादत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लगभग ढ़ाई साल पहले उरी के बाद कश्मीर में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। हमले के तत्काल बाद सक्रिय हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात कर हालात की समीक्षा की। साथ ही सुरक्षा बलों को भरोसा दिया कि बहादुर जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद उरी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की अटकलें तेज हो गई हैं।

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प्रधानमंत्री ने कायरतापूर्ण आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा- 'पूरा देश आतंकी हमले में शहीद हुए बहादुर जवानों के परिवार के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़ा है और उनकी शहादत को बेकार नहीं होने दिया जाएगा।' उन्होंने राजनाथ सिंह और अजीत डोभाल समेत सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर हालात की जानकारी ली। बैठक में इंटेलिजेंस चूक पर भी सवाल पूछे गए। वहीं हमले के समय लखनऊ से वापस लौट रहे राजनाथ सिंह ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही सीआरपीएफ से महानिदेशक से बात की। उन्हें खुफिया ब्यूरो के प्रमुख और अजीत डोभाल से अलग से बात की। शुक्रवार को राजनाथ सिंह श्रीनगर जाकर मौका ए वारदात का मुआयना करेंगे और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक हालात की समीक्षा करेंगे। राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपना पटना दौरा भी रद्द कर दिया है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्रालय और सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों को छुट्टी और सरकारी दौरे को रद्द कर जल्द-से-जल्द दिल्ली पहुंचने को कहा गया है। गृह सचिव राजीव गौबा गुरूवार को ही सालाना सचिव स्तरीय वार्ता के लिए भूटान की राजधानी थिंपू पहुंचे थे। लेकिन उन्हें भी तत्काल वापस लौटने को कहा गया है। माना जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह तक गृह सचिव वापस दिल्ली पहुंच जाएंगे।

वहीं प्रधानमंत्री के सख्त बयान के बाद पाक समर्थित आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अटकलें तेज हो गई हैं। ध्यान देने की बात है कि सितंबर 2016 में उरी में 19 सैनिकों की मौत पर सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग कैंपों और लांच पैड को नष्ट कर दिया था और बहुत सारे आतंकियों और उनके आकाओं को मार गिराया था। पुलवामा में उरी से भी अधिक जवानों की शहादत हुई है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले एक-दो दिन तो हालात की समीक्षा में गुजर जाएंगे, उसके बाद बदले की कार्रवाई पर विचार-विमर्श शुरू किया जाएगा।

वैसे उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा और कौन-कौन से विकल्प हो सकते हैं। लेकिन इसे तय माना जा रहा है कि भारतीय सेना चुप नहीं रहेगी। राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो पिछले एक महीने में फिल्म उरी को लेकर भाजपा और सरकार काफी उत्साहित दिखी थी जिसमें पाक के खिलाफ सर्जिकल और नागालैंड से म्यांमार की सीमा में घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को दिखाया गया है। दरअसल सख्त बदले की कार्रवाई और आतंकियों को संदेश एक ऐसा मुद्दा है जो वर्तमान सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। ऐसे में पुलवामा पर चुप्पी रहे इसकी संभावना बहुत कम है। 


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