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पीएम मोदी बोले, एक विश्व, एक सूरज और एक सोलर ग्रिड की जरूरत

पीएम मोदी कहा कि, आईसा भविष्य में ओपेक (तेल उत्पादक देशों का बेहद प्रभावशाली संगठन) होगा। अभी जो हाल तेल कुओं का है वही सूरज की किरणों का होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 10:01 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 10:10 PM (IST)
पीएम मोदी बोले, एक विश्व, एक सूरज और एक सोलर ग्रिड की जरूरत
पीएम मोदी बोले, एक विश्व, एक सूरज और एक सोलर ग्रिड की जरूरत

 जागरण ब्यूरो [नई दिल्ली]। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने के लिए 121 देशों के संगठन अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस (आइसा) की पहली बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी इसके भविष्य का एजेंडा तय कर दिया है।

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेर्रस की उपस्थिति में मोदी कहा कि, ''आइसा भविष्य में ओपेक (तेल उत्पादक देशों का बेहद प्रभावशाली संगठन) होगा। अभी जो हाल तेल कुओं का है वही सूरज की किरणों का होगा।'' इसके साथ ही उन्होंने सभी देशों से आह्वान किया है कि अभी से हमें सौर ऊर्जा को एक ही ग्रिड से जोड़ने पर काम शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए उन्होंने 'एक विश्व, एक सूरज और एक सोलर ग्रिड' का नारा दिया।

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 41 देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत
मोदी ने आईसा की पहली बैठक में शामिल होने के लिए आए 41 देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया और साथ ही रिन्यूबल ऊर्जा के क्षेत्र में स्थापित इंडियन ओसियन रिम एसोसिएशन (आईओआरए) की दूसरी बैठक का भी उद्घाटन किया।

नई दिल्ली में अगले तीन दिनों तक रिन्यूबल इनर्जी व स्वच्छ ऊर्जा के दूसरे विकल्पों पर अंतरराष्ट्रीय विमर्श और प्रदर्शनी का आयोजन होने जा रहा है। दुनिया के 600 देशों के प्रतिनिधियों के अलावा इसमें 10 हजार से ज्यादा विशेषज्ञ भी हिस्सा लेंगे। आइ इसा संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में गठित पहला ऐसा संगठन है जिसका मुख्यालय में भारत में खोला गया है।

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घर-घर बिजली पहुंचाने में सोलर की भूमिका अहम
पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का 40 फीसद रिन्यूबल ऊर्जा स्रोतों से बनाएगा। इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। देश की कुल बिजली क्षमता मे रिन्यूबल का हिस्सा अभी 20 फीसद है। वर्ष 2022 तक रिन्यूबल क्षेत्र से 1,75,000 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। पिछले चार वर्षों में भारत ने रिन्यूबल क्षेत्र से ऊर्जा उत्पादन को दोगुना करते हुए 72 हजार मेगावाट कर दिया है। इसमें भी सोलर की क्षमता नौ गुना बढ़ोतरी हुई है।

15000 मेगावाट बहुत जल्द इसमें और जुटने वाली है। सरकार की घर-घर बिजली पहुंचाने की योजना में भी सोलर की भूमिका काफी अहम होगी। सरकार भारत में सोलर ऊर्जा उद्योग से जुड़ी उद्योगो को विकसित करने की नीति को लगातार बढ़ावा दे रही है। इसका असर भी दिख रहा है क्योंकि पिछले चार वर्षो में यहां 42 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है। अगले चार वर्षो में भारत के सोलर ऊर्जा उद्योग मे 80 अरब डॉलर तक का कारोबार होगा।

पावर स्टोरेज भी महत्वपूर्ण
मोदी ने कहा कि बिजली उत्पादन के साथ अब पावर स्टोरेज सबसे महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए जरुरी ढांचा तैयार करने के लिए नेशनल इनर्जी स्टोरेज मिशन पर काम किया जा रहा है। इसके लिए भी घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई नीति लाएगी। भारत रिनीवर के साथ ही बी-3 बायोमास, बायोफ्यूल, बायो इनर्जी पर भी काम कर रहे हैं।


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