पुलिस अफसरों से बोले पीएम मोदी, कमजोर तबके के खिलाफ मामलों से तत्परता से निपटें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाए कि कांफ्रेंस में तय हुए सिद्धांत पुलिस तंत्र में सबसे नीचे की इकाई तक पहुंच जाएं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आला पुलिस अफसरों से कहा है कि कमजोर तबके के लोगों खासकर अनुसूचित जाति-जनजाति व महिलाओं के खिलाफ होने वाले मामलों को आतंकी चुनौती की तरह लेते हुए उनसे तत्परता से निबटें।
गत 6 से 8 दिसंबर को पुणे में राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) व महा निरीक्षकों (आइजी) की 54वीं कांफ्रेंस में उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुई बैठक के जारी हुए मिनट्स से यह जानकारी सामने आई है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना के अनुरूप प्रधानमंत्री ने पुलिस के शीर्ष अधिकारियों से कहा कि कमजोर वर्गो के लोगों के साथ अत्याचार की घटनाओं से उसी तरह निपटा जाए जैसे आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं से निपटा जाता है।
थाना स्तर तक पहुंचे संदेश
कांफ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां जो बातें तय हुई हैं उनका संदेश थाना स्तर तक पहुंचाना होगा। इसके लिए ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाए कि कांफ्रेंस में तय हुए सिद्धांत पुलिस तंत्र में सबसे नीचे की इकाई तक पहुंच जाएं।
थानों में बेहतर तालमेल की जरूरत
लोगों की सोच में आ रहे बदलाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग को इसे ध्यान में रखते हुए खुद को बदलना होगा। वामपंथी उग्रवाद की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों के सीमावर्ती जिले के थानों में बेहतर तालमेल की जरूरत है। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों के निवासियों को विकास का महत्व समझाया जाये। उन्हें क्षेत्र में चल रही सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का पूरा अवसर दिया जाये।
उन्होंने पुलिस द्वारा वैज्ञानिक तौर-तरीकों को अपनाने की जरूरत बताते हुए कहा कि अकादमिक रूप से समृद्ध अधिकारियों की टीम सौ-पचास पूछताछ रिपोर्ट का अध्ययन करे और अपराध करने, लोगों को बरगलाने आदि के तरीकों को समझे। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड का शत-प्रतिशत उपयोग करने पर भी बल दिया।