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पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्रियों का बनेगा म्यूजियम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोजी ने पूर्व पीएम चंद्रशेखर पर लिखी किताब द बेस्ट आइकन ऑफ आईडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स का विमोचन किया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 06:58 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 08:02 PM (IST)
पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्रियों का बनेगा म्यूजियम
पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्रियों का बनेगा म्यूजियम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्रियों का पहला म्यूजियम बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर लिखी किताब 'द बेस्ट आइकन आफ द आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स' का विमोचन करने के बाद यह ऐलान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि म्यूजियम राजनीतिक छुआछूत से परे होगा। मोदी ने पूर्व पीएम चंद्रशेखर के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि वे नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत थे।

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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की लिखी किताब का विमोचन करते हुए मोदी ने कहा कि चंद्रशेखर जी गांव, गरीब व किसान के जीवन स्तर को उठाने और उन्हें जानने के लिए सबसे लंबी पदयात्रा कर डाली। मोदी ने क्षोभ प्रकट करते हुए कहा 'दुर्भाग्य यह है कि 'उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि को डोनेशन व करप्शन के इर्द गिर्द ही रखा गया। यह किसी सोची समझी सोच का हिस्सा है।'

उन्होंने कहा 'यह बहुत अखरता है।' मोदी ने कहा कि यह हरिवंश की हिम्मत है। नहीं तो एक जमात है, जिसने अंबेडकर और सरदार पटेल की छवि धूमिल की है। चुटकी लेने के अंदाज में कहा 'लाल बहादुर शास्त्री जीवित होते तो उन्हें न जाने किन रूपों में पेश किया जाता।' मोरारजी और देवगौड़ा जैसे प्रधानमंत्रियों के लिए भी ऐसे ही पेश किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा 'मैंने भी ठान ली है।' थोड़ा ठिठकने के बाद अपने अंदाज में उन्होंने ऐलान किया कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का आधुनिक म्यूजियम बनेगा। इसमें उनसे जुड़ी सारी चीजें इकट्ठी की जाएंगी। यह म्यूजियम राजनीतिक छुआछूत से परे होगा। मोदी ने कहा कि चंद्रशेखर नई पीढ़ी को प्रेरणा दे सकते हैं। उन्हें तो युवा तुर्क ही कहा जाता था।

चंद्रशेखर के बारे में उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में विदाई के दो साल भी जीवित रहना मुश्किल होता है। लोग भूल जाते हैं। इतिहास के कोने में कहीं खो जाते हैं। उनकी विदाई के दो बारह बरस बाद भी चंद्रशेखर जी हमारे बीच वैसे ही हैं।

उपसभापति हरिवंश के बारे में उन्होंने कहा कि कल तक हरवंश पत्रकार थे और अब राज्यसभा में निष्पक्ष उपसभापति, लेकिन चंद्रशेखर पर किताब लिखने के बाद न जाने उनके ऊपर कौन कौन से लेबल लगेंगे।

इससे पूर्व उनके पड़ोसी रहे गुलाम नबी आजाद ने चंद्रशेखर के बारे में कहा कि समाजवाद उनकी बोली, भाषा, खान-पान, रहन सहन, कपड़ा और आचार-विचार में सबमें था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी जबर्दस्त याददाश्त के बारे में बताया। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा चंद्रशेखर की समाजवादी सोच के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी।


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