पीएम मोदी बोले, निराशा के दौर से बाहर निकले इंडस्ट्री; भ्रष्टाचार संबंधी कार्रवाई कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं
किर्लोस्कर ब्रदर्स के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने देश में पारदर्शी सिस्टम तैयार किया है जिसमें इंडस्ट्री बिना किसी बाधा के व्यवसाय कर सके।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडस्ट्री से कहा है कि वे कुछ कंपनियों पर भ्रष्टाचार संबंधी हो रही कार्रवाई को इस संदर्भ में न देखें कि सरकार समूचे कॉरपोरेट सेक्टर के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मंशा से काम कर रही है ताकि इंडस्ट्री देश में बिना किसी भय के संपदा का सृजन कर सके।
किर्लोस्कर ब्रदर्स के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने देश में पारदर्शी सिस्टम तैयार किया है जिसमें इंडस्ट्री बिना किसी बाधा के व्यवसाय कर सके। इसके लिए सरकार ने पुराने, जटिल और अप्रासंगिक हो चुके कई कानूनों को समाप्त कर इंडस्ट्री को नियमों के जाल से मुक्त कराया है। बीते पांच साल के कार्यकाल में सरकार ने इसी उद्देश्य से काम किया ताकि उद्योग निर्बाध विकास कर सकें।
निराशा के दौर से बाहर निकले इंडस्ट्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवधि में सरकार का उद्देश्य टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता, कुशलता और जवाबदेही लाना रहा। टैक्स विभाग में ह्यूमन इंटरफेस को भी कम किया गया है। कंपनियां निवेश करने को प्रोत्साहित हों इसके लिए सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स की दर को अब तक के न्यूनतम पर ला दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'इंडस्ट्री अब निराशा के दौर से बाहर निकले, सरकार बिजनेस के विस्तार की कोशिशों में इंडस्ट्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर उसे 5 ट्रिलियन डॉलर पर ले जाने का लक्ष्य केवल एक चरण है। सरकार के लक्ष्य इससे भी बड़े और ऊंचे हैं।
प्रधानमंत्री ने की बजट पर उद्योगपतियों से चर्चा
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने सोमवार को बजट से पहले इंडस्ट्री से चर्चा के चरण में मुकेश अंबानी, रतन टाटा, गौतम अडानी समेत कई शीर्ष उद्योपतियों से विचार विमर्श किया। बैठक में भारती समूह के सुनील भारती मित्तल, महिंद्रा समूह के प्रमुख आनंद महिंद्रा और वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल भी उपस्थित थे। इनके अतिरिक्त टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, टीवीएस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, एलएंडटी के चेयरमैन एएम नायक ने भी बैठक में शिरकत की। सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री के अतिरिक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी उपस्थित थीं जो पहली फरवरी को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी।
बीते छह साल में न्यूनतम स्तर पर है जीडीपी की विकास दर
गौरतलब है कि अर्थव्यवस्था बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 4.5 परसेंट पर आ गयी है। यह बीते छह साल में न्यूनतम है। सरकार अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इस वर्ष जुलाई में बजट पेश करने के बाद भी कई कदम उठाये गये हैं। इनमें कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी करना भी शामिल हैं जिसमें नई कंपनियों के लिए इसे 15 परसेंट तक नीचे ले आया गया है। प्रधानमंत्री पिछले कुछ सप्ताह से लगातार इस तरह की बैठके कर रहे हैं। पिछली बैठक में कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक, भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख रजनीश कुमार, एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी समेत कई पूर्व अधिकारी भी शामिल हुए थे।