BRICS Summit : पीएम मोदी बोले, दोषी ठहराये जाएं आतंकवाद के मददगार देश, जानें चीन और रूस ने क्या कहा
पीएम मोदी ने कहा कि जो देश आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए और इस समस्या का संगठित तौर पर समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने ब्रिक्स के मौजूदा अध्यक्ष रूस की अगुवाई में आतंकवाद के खिलाफ समग्र रणनीति को अंतिम रूप देने का स्वागत किया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आतंकवाद को दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आतंकवादियों को सहायता व समर्थन देने वाले देशों को दोषी ठहराया जाए। ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा पड़ोसी देश ही था। उन्होंने यह भी संकेत दे दिया कि अब जबकि एक वर्ष के लिए भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा तो उसके लिए आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा होगा। मंगलवार को हुई बैठक में पीएम ने अपनी तरफ से आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स देशों की एक संयुक्त कार्ययोजना बनाने के लिए सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की एक समिति भी गठित करने का प्रस्ताव किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि, ''जो देश आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए और इस समस्या का संगठित तौर पर समाधान निकाला जाना चाहिए।'' उन्होंने ब्रिक्स के मौजूदा अध्यक्ष रूस की अगुवाई में आतंकवाद के खिलाफ एक समग्र रणनीति को अंतिम रूप देने का स्वागत किया और कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस कार्य को आगे बढ़ाएगा। मोदी जब यह भाषण दे रहे थे, तब चीन के राष्ट्रपति शी शिनफिंग भी उपस्थित थे। दोनो नेताओं ने अपने भाषण में किसी भी द्विपक्षीय मुद्दे को नहीं उठाया। कुछ दिन पहले ही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में मोदी ने कुछ देशों पर विस्तारवादी मानसिकता अपनाने की बात कही थी।
चीन के राष्ट्रपति शिनफिंग ने अपने भाषण में यह संदेश देने की कोशिश की कि वह वैश्विक सुधार का सबसे बड़ा पुरोधा है। जब अमेरिका व दूसरे देश वैश्वीकरण से पीछे हट रहे हैं, तब शिनफिंग के संदेश का अपना महत्व है। उन्होंने कहा कि, ''हर क्षेत्र में सुधार करने की अपनी कोशिश चीन और दोगुनी करेगा। हम दुनिया के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं करेंगे बल्कि अपनी बाहें और ज्यादा खोलेंगे। वैश्विक बाजार से चीन को जोड़ने की कोशिश ज्यादा करेंगे और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने पर ध्यान देंगे। पर्यावरण को लेकर चीन अपना दायित्व निभाने को तैयार हैं और जलवायु परिवर्तन को लेकर हम अप्रत्याशित कदम उठाएंगे।''
शिनफिंग ने राष्ट्रीय हितों की आड़ में डब्लूटीओ जैसे संगठनों को कमजोर करने वाले देशों पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने डब्लूटीओ में बड़े सुधार की बात की तो शिनफिंग ने डब्लूटीओ को बना कर रखने की अपील की। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अपने भाषण में कोविड महामारी का टीका तैयार करने में मिली सफलता और इस संदर्भ में ब्रिक्स देशों के साथ ज्यादा सहयोग करने पर सीमित रखा। उन्होंने कहा कि रूस की कंपनी स्पुतनिक की तरफ से तैयार टीका का निर्माण भारत व चीन की कंपनियां कर सकेंगी। उन्होंने ब्रिक्स के सदस्य देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोविड जैसी महामारियों के लिए टीका अनुसंधान केंद्र स्थापित करने में सहयोग करने का सुझाव दिया। सभी देशों ने इस सुझाव का स्वागत किया।
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