लोकसभा में पीएम मोदी का कांग्रेस पर प्रहार, कहा- ऐसी डिवाइडेड और कन्फ्यूज पार्टी न खुद का भला कर सकती है, न देश का
पीएम मोदी ने कहा कि हम ये मानते थे कि हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी जिसने 6 दशक तक एकचक्रीय शासन किया। इस पार्टी का ये हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा का तबका एकतरफ चलता है और लोकसभा का तबका एकतरफ चलता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कृषि कानूनों पर बात करते हुए कांग्रेस पार्टी के रोल पर पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में तीन कृषि कानून भी लाए गए। ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही आवश्यक है, महत्वपूर्ण है और वर्षों से हमारा कृषि क्षेत्र जो दबाव महसूस कर रहा है, उसके लिए हमने प्रयास किया है। यहां पर जो चर्चा हुई, विशेषकर कांग्रेस के साथियों ने जो चर्चा की उसमें कानून के कलर पर तो बहुत चर्चा हुई कि ब्लैक है कि व्हाइट है, अच्छा होता उसके कंटेंट पर चर्चा करते अच्छा होता कि उसके इंटेंट पर चर्चा करते, ताकि देश के किसानों तक सही चीज पहुंच सकती। पीएम मोदी के कांग्रेस पर निशाना साधने पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने हंगामा किया। उन्होंने सदन में नारेबाजी भी की और कहा कि काले कानून वापस लो। बाद में लोकसभा से वॉकआउट किया।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम ये मानते थे कि हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी जिसने करीब-करीब 6 दशक तक एकचक्रीय शासन किया। इस पार्टी का ये हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा का तबका एकतरफ चलता है और लोकसभा का तबका एकतरफ चलता है। ऐसी डिवाइडेड पार्टी, ऐसी कन्फ्यूज पार्टी न खुद का भला कर सकती है देश की समस्याओं के समाधान को लेकर कुछ सोच सकती है। कांग्रेस राज्यसभा में भी है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा में बैठे हुए हैं, लेकिन वो बहुत ही आनंद और उमंग के साथ चर्चा करते हैं और यही कांग्रेस पार्टी का दूसरा तबका है। कांग्रेस पर पीएम मोदी के लगातार हमलों की वजह से नाराज कांग्रेस ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब ये कहा जाता है कि मांगा गया था क्या, क्या हम सामंतशाही हैं जो जनता को मांगने के लिए मजबूर करें। ये मांगने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है। सरकारें संवेदनशील होनी चाहिए। जनता के भलाई के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। जनता ने आयुष्मान भारत योजना नहीं मांगी थी, बैंक अकाउंट के लिए कोई जुलूस नहीं निकला था। स्वच्छ भारत की मांग किसने की थी, किसने अपने घर में शौचालय की मांग की थी। मांगने वाला वक्त चला गया ये लोकतंत्र है, हम नागरिकों को याचक बनाकर उनका आत्मविश्वास नहीं बढ़ा सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान भाइयों का ये सदन भी और ये सरकार भी आदर करती है और आदर करती रहेगी, इसीलिए सरकार के वरिष्ठ मंत्री जब ये आंदोलन पंजाब में था, तब भी और बाद में भी लगातार बात कर रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम प्रोगेसिव पॉलिटिक्स में विश्वास करते हैं. भोजपुरी में कहावत है कि न खेलब न खेले देब खेल बिगाड़ब...।
लोकसभा से कांग्रेस के वॉकआउट पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के जवाब में हमने बहुत चीजों की अपेक्षा की थी। उन्होंने ये कह दिया कि इससे (कृषि क़ानून) किसी को लाभ हो सकता है किसी को हानि भी हो सकती है, परन्तु सभी के लाभ के लिए कानून लाना चाहिए था।