भाजपा नेता गैर जिम्मेदाराना बयान न दें : मोदी
बार-बार की नसीहत के बावजूद छपने और दिखने की प्रवृत्ति के कारण बयानबाजी करते रहे नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से आगाह किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बार-बार की नसीहत के बावजूद छपने और दिखने की प्रवृत्ति के कारण बयानबाजी करते रहे नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से आगाह किया। उन्होंने कहा कि जिसकी बोलने की जिम्मेदारी है, सिर्फ उसे ही बोलने दें। वहीं यह भी याद दिलाया कि 2014 में भाजपा अपने जनसंपर्क और लोगों में आशाओं के कारण सत्ता में आई थी। जरूरी है कि उनकी आशाओं को पूरा करने में हर कोई जुटे और लगातार संवाद रखे। इसी क्रम में उन्होंने स्थानीय स्तर पर आजीविका बढ़ाने में मदद का भी सुझाव दिया।
-कहा-मीडिया को दोष देने के बजाय हर मुद्दे पर बोलने की प्रवृत्ति से बचें
-गांवों के लोगों से जुड़ाव रखने और सरकार की योजनाओं से रूबरू कराने के दिए निर्देश
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को नमो एप के जरिए देश के चुनिंदा जनप्रतिनिधियों से बात कर रहे थे। 2019 के बाबत उन्होंने जनसंपर्क पर सबसे ज्यादा बदल दिया। उन्होंने कहा कि सभी सांसद अपने अपने क्षेत्र के गावों की चार पांच समस्याओं को चुनें और उन्हें हल करने की कोशिश करें। केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, उसकी मदद लें। लोगों को उन योजनाओं के बारे में बताएं और प्रयास करें वह उन्हें हासिल हो।स्थानीय स्तर पर महिलाओं को आजीविका मिले इसके लिए भी रास्ते तलाशें। मुद्रा योजना का लाभ लें। ब्यूटी पार्लर जैसी आजीविका में भी मदद करें।
गौरतलब है कि 14 अप्रैल से पांच मई तक भाजपा नेता ग्राम सुराज योजना में हिस्सा ले रहे हैं और गांव गांव जा रहे हैं। उन्हें दलित बहुल गांवों में रात बिताने का भी टास्क दिया गया है। दलित राजनीति तेज है। ऐसे में मोदी ने याद दिलाया कि सबसे ज्यादा पिछड़े और दलित सांसद भाजपा के ही है। उनका समर्थन प्राप्त है और गांव शहर की सरहद खत्म हो चुकी है।
भाजपा अपने कुछ बयानबाज नेताओं से अक्सर परेशान रहती है। रविवार को भी एक मंत्री ने दुष्कर्म पर एक बयान दे दिया। ऐसे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी कुछ बातें जरूर कड़वी लगेगी, लेकिन बोलना जरूरी है। पिछले कुछ सालों में भाजपा कार्यकर्ता काफी परिपक्व हुए है, 'लेकिन अभी भी वह मीडिया का कैमरा देखने पर कुछ भी बोल जाते है जैसे बहुत बड़े समाजशास्त्री और विद्वान हों और बाद मे मीडिया को कोसते हैं।' लेकिन इनमें मीडिया को कोई दोष नही होता है, वह तो अपना काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर मुद्दे पर राष्ट्र का मार्गदर्शन करने की जरूरत नहीं है।